वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह राशि बढ़कर 4300 करोड़ रुपये तक होने का लक्ष्य रखा गया है। विपक्ष करीब दो माह से संपत्तिकर के लिए हर साल लागू होने वाली आम माफी योजना लागू करने की मांग कर रहा है।
निगम ने संपत्तियों की जियो टैगिंग से इस साल दोगुना संपत्तिकर जमा करने की तैयारी की है। निगम का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार को रोकने और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। इसके जरिये करीब दो हजार करोड़ रुपये ज्यादा संपत्तिकर जमा करने का लक्ष्य रखा गया है।
हाल ही में हुई सदन की बैठक में नेता सदन मुकेश गोयल ने संपत्तिकर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम को 2359.24 करोड़ रुपये संपत्तिकर के रूप में मिले थे। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह राशि बढ़कर 4300 करोड़ रुपये तक होने का लक्ष्य रखा गया है। विपक्ष करीब दो माह से संपत्तिकर के लिए हर साल लागू होने वाली आम माफी योजना लागू करने की मांग कर रहा है।
यह होगा फायदा
संपत्तियों की जियो टैगिंग का काम दिसंबर में शुरू हुआ। पहले 50 दिनों में 15 लाख संपत्तियों की टैगिंग होनी थी, लेकिन तीन महीने बाद भी आधी संपत्ति का काम पूरा नहीं हुआ है। निगम ने करदाताओं को संपत्तियों की जियो टैगिंग के लिए 31 मार्च तक का मौका दिया है। तीसरी बार इसकी आखिरी तारीख बढ़ाई गई है, लेकिन जिस तरह धीमी गति से टैंगिंग का काम चल रहा है, उससे आशंका है कि फिर से निगम को तिथि बढ़ानी होगी।