प्रदेश सरकार अब ऑपरेशन कालनेमि की तरह ड्रग्स के खिलाफ अभियान चलाने जा रही है। युवाओं में नशे के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य के सभी मेडिकल, तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थानों के आसपास ढाबे, रेस्टोरेंट व अन्य स्थलों में लगातार निगरानी बढ़ेगी और संदिग्ध होने की स्थिति में छापे की कार्रवाई की जाएगी। ये सभी स्थान अब पुलिस व प्रशासन के निरंतर निशाने में रहेंगे।मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को राज्य सचिवालय में नशा विरोधी अभियान के तहत
अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की और दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अभियान को और सख्त और प्रभावी बनाने के लिए कहा। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों के मामले में पुलिस व प्रशासन की अब तक की कार्रवाई पर असंतोष व नाराजगी जाहिर की।नशे से जुड़े मामलों में किसी सूचना के आने का इंतजार नहीं होना चाहिए। पुलिस व प्रशासन को खुद आगे बढ़कर निगरानी और कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने तकनीकी, मेडिकल व अन्य व्यावसायिक संस्थानों के आसपास रेस्टोरेंट और ढाबों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सैंपल लें और जांच कराएं
मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों के आसपास यदि कोई व्यक्ति नशे में मिलता है तो उसका सैंपल लें और जांच कराएं। यह पता लगाने का प्रयास हो कि आखिर ड्रग्स का स्रोत क्या है?
सहयोग न करने वाले संस्थानों पर भी हो कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि जो तकनीकी, मेडिकल व अन्य व्यावसायिक संस्थान ड्रग्स के खिलाफ अभियान में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें सचेत करें और उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करें। पता लगाएं कि संस्थानों में ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता के लिए समितियां बनी हैं कि नहीं हैं यदि बनी हैं तो उनकी बैठकें हो रही हैं या नहीं। लापरवाही पर कार्रवई की जाए।
जागरूकता अभियान में सामाजिक संगठनों को सहयोग लें
मुख्य सचिव नशे के खिलाफ प्रभावी ढंग से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें सामाजिक संगठनों, युवा और मंगल दलों को शामिल किया जाए। जागरूकता करने वाले शार्ट वीडियो बनाकर शिक्षण संस्थानों में दिखाए जाएं।