Monday, September 22, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्ड16वें वित्त आयोग के सामने मजबूत पैरवी की तैयारी में धामी सरकार...

16वें वित्त आयोग के सामने मजबूत पैरवी की तैयारी में धामी सरकार आंकड़े बोलेंगे रास्ता खोलेंगे

करीब तीन लाख करोड़ की पर्यावरणीय सेवाएं देने वाला हिमालयी राज्य उत्तराखंड 16वें वित्त आयोग के सामने ग्रीन बोनस की मजबूत पैरवी की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए धामी सरकार मजबूत और तार्किक आधार तैयार कर रही है।आंकड़ों के साथ तार्किक रिपोर्ट तैयार करने का काम राज्य सरकार ने अल्मोड़ा स्थित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान को सौंपा है। वित्त आयोग के अप्रैल तक उत्तराखंड आने की संभावना है, सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि संस्थान इससे पहले रिपोर्ट दे देगा। उत्तराखंड सरकार ने अब तक कई बार ग्रीन बोनस की मांग की, लेकिन बात नहीं बनी। राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 71.08% पर जंगल है। उच्च कोटि के साल, चीड़, देवदार, फर, बांज के वन हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के वन्यजीव वास करते हैं। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राज्य में सात वन्यजीव विहार व चार संरक्षण आरक्षित वन हैं। इनके अलावा गंगा, यमुना, अलकनंदा, मंदाकिनी समेत कई प्रमुख नदियां राज्य से निकलती हैं, जो दूसरे राज्यों के लोगों और उनके खेतों की भी प्यास बुझाती हैं।इन सभी पर्यावरणीय सेवाओं का फायदा उत्तराखंड को ही नहीं देश के अन्य राज्यों को भी हो रहा है। पर इन सबके संरक्षण की जिम्मेदारी राज्य के कंधों पर ही है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के कायदों के कारण राज्य का विकास भी प्रभावित हुआ है।

भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के कारण निर्माणाधीन पन बिजली परियोजनाएं बंद करनी पड़ीं और कई प्रस्तावित योजनाएं शुरू नहीं हो पाईं। गंगा, उसकी सहायक नदियों पर दर्जनों परियोजनाएं फंसी हैं।इनके निर्माण से आर्थिकी मजबूत होगी पर राज्य को इस विकास की कीमत चुकानी पड़ रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी नीति आयोग समेत सभी मंचों पर पर्यावरणीय सेवाओं के एवज में वित्तीय मदद की मांग कर रहे हैं। उनके आदेश पर अब पर्यावरणीय सेवाओं के सभी पहलुओं पर आंकड़ों की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के जरिये ग्रीन बोनस की राह खोलने की अपील की जाएगी।उत्तराखंड पूरे देश को पर्यावरणीय सेवाएं दे रहा है। इसके एवज हम केंद्र सरकार से वित्तीय सहयोग की मांग करते आए हैं। इसके पक्ष में हम पर्यावरणीय सेवाओं से जुड़े आंकड़ें जुटा रहे हैं ताकि वित्त आयोग के समक्ष हम ज्यादा और प्रभावी ढंग से पैरवी कर सकें। – आर मीनाक्षी सुंदर, सचिव, नियोजन

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments