Wednesday, November 5, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डनए डीजीपी को लेकर चर्चा दीपम के प्रतिनियुक्ति छोड़कर आने के साथ...

नए डीजीपी को लेकर चर्चा दीपम के प्रतिनियुक्ति छोड़कर आने के साथ चर्चाओं की भी वापसी

शासन की मांग पर एडीजी दीपम सेठ प्रतिनियुक्ति अवधि बीच में छोड़कर उत्तराखंड वापस आ रहे हैं। उन्हें मूल कैडर में वापस भेजने के लिए गृह सचिव ने शुक्रवार को ही पत्र लिखा था। इसके अगले ही दिन शनिवार को उन्हें सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से रिलीव कर दिया गया है।एकाएक बुलाए जाने और तत्काल रिलीव होने से डीजीपी के चयन के संबंध में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। सेठ जनवरी में महानिदेशक यानी डीजी पद पर पदोन्नत भी हो जाएंगे। ऐसे में वरिष्ठता के हिसाब से अब उनसे ऊपर कोई नहीं है। दरअसल, पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने से पहले से नए डीजीपी के चयन को जोड़तोड़ होने लगी थी।केंद्र सरकार ने ऐसे पांच राज्यों के लिए नियमों में शिथिलता दी थी जहां पर डीजी रैंक के पुलिस अफसर नहीं हैं। इनमें 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारियों का ही पैनल डीजीपी के लिए मांगा गया था। इस दायरे में प्रदेश के पांच एडीजी रैंक के अधिकारी आ रहे थे। इनमें सबसे वरिष्ठ दीपम सेठ हैं। उस वक्त वह प्रतिनियुक्ति पर थे। ऐसे में चर्चाएं इस बात की भी हुई कि सेठ वापस आ रहे हैं, मगर ऐसा नहीं हुआ और शिथिलता के नियमों के आधार पर पिछले साल 30 नवंबर को एडीजी अभिनव कुमार को कार्यकारी डीजीपी चुन लिया गया। हालांकि, उस वक्त यह बात भी उठी कि अभिनव कुमार का मूल कैडर उत्तर प्रदेश है।

एक साल के भीतर कई बार इस तरह की चर्चाएं हुईं कि यहां पर स्थायी डीजीपी की नियुक्ति होनी है। कई राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकारी डीजीपी की व्यवस्था पर फटकार भी लगाई। ऐसे में अक्तूबर में फिर से पैनल यूपीएससी को भेजा गया। उस वक्त भी उनका मूल कैडर का ही पेंच फंसा और अभिनव कुमार का नाम इस पैनल में शामिल नहीं हो सका।
अब फिर से डीजीपी के चुनाव को लेकर चर्चाएं दीपक सेठ के वापसी आदेश के बाद होने लगी हैं। गृह सचिव शैलेश बगौली ने सेठ को मूल कैडर उत्तराखंड भेजने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। उनके पत्र के अगले ही दिन भारत सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से रिलीव भी कर दिया है। इस संबंध में अंडर सेक्रेटरी भारत सरकार की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि फिलहाल उन्हें यहां क्या जिम्मेदारी दी जाएगी।

पिछले दिनों अभिनव ने लिखा था गृह सचिव को पत्र
कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव शैलेश बगौली को डीजीपी के चुनाव की प्रक्रियाओं को बताते हुए पत्र भी लिखा था। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर डीजीपी नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके लिए शासन स्तर पर ही समिति बनाई जानी थी। डीजीपी के चुनाव के लिए यूपीएससी की दखल को भी उन्होंने गैर जरूरी बताया था। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड पुलिस अधिनियम 2007 के नियमों का भी हवाला गृह सचिव को दिया था। बताया गया था कि शासन खुद दो साल के लिए उपयुक्त अधिकारी को डीजीपी बना सकती है। इसका प्रावधान पहले से ही एक्ट में है।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments