Saturday, November 15, 2025
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विस्थापित कर दो साहब जमीन दरक रही है पहाड़ी से मौत झांक रही है

पिथौरागढ़। साहब, अरमानों से बने घर आपदा की चपेट में आ गए हैं। पहाड़ टूटने से लगातार भूस्खलन हो रहा है और कई बोल्डर मौत बनकर पहाड़ी पर अटके हुए हैं। परिवार की सुरक्षा के लिए घरों को छोड़कर रिश्तेदारों के घरों और पंचायत घर में दिन काट रहे हैं। रोज अपने सपनों के घरों को दरकता देखकर किस्मत पर रोना आता है। बस! अब और नहीं सहा जाता हमें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित कर दिया जाए। यह दर्दभरी गुहार है पाली गांव से कलक्ट्रेट पहुंचीं आपदा पीड़ित महिलाओं की। सोमवार को जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर बिण ब्लॉक के पाली गांव की महिलाएं और अन्य ग्रामीण ग्राम प्रधान लोकेश कुमार के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचें और विस्थापन की मांग के लिए प्रदर्शन किया। बाद में जिला सभागार में लगे जनता दरबार में एडीएम योगेंद्र सिंह के समक्ष गुहार भी लगाई। महिलाओं ने बताया कि बीते चार सितंबर को भारी बारिश से उनके गांव के पीछे पहाड़ टूट गया। मलबा और बोल्डर उनके घरों तक पहुंच गए। तब से यहां लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिस कारण गांव के 30 परिवार खतरे में आ गए हैं।

हालात यह हैं कि आपदा के खतरे को देखते हुए उन्होंने अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। कई पीड़ित परिवार पंचायत घर में जैसे-तैसे रह रहे हैं। अपने घरों में जाने में भी उन्हें डर लग रहा है। महिलाओं ने कहा कि उनका सुरक्षित स्थान पर विस्थापन किया जाना जरूरी है। कहीं जगह मिल जाए तो वे अपना ठिकाना वहां बना लेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उन्हें विस्थापित नहीं किया गया तो कलक्ट्रेट के बाहर ही डेरा डालने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शन करने वालों में गंगा देवी, जयंती देवी, जसू देवी, मुन्नी देवी, गोविंदी देवी, बसंत राम, अर्जुन सिंह, ललित राम, पूरन सिंह बसेड़ा आदि शामिल रहे।

बोलीं महिलाएं
आपदा ने हमें बेघर कर दिया है। पहाड़ लगातार टूट रहा है। इस कारण हम घरों में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। परिवार की सुरक्षा के लिए हमें रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। – जयंती देवी
परिवार की सुरक्षा के लिए हमारा विस्थापन जरूरी है। पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। सरकार और प्रशासन को हमारा विस्थापन करना चाहिए। – मुन्नी देवी
परिवार और ग्रामीणों की चिंता ने मुझे उम्र (75) के इस पड़ाव में कलक्ट्रेट की चौखट पर ला दिया है। उम्मीद है प्रशासन और सरकार हमारी इस गंभीर समस्या का समाधान करेगा। हमारा जीवन भी सुरक्षित होगा। – गोविंदी देवी

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