हेपेटाइटिस के पांचों प्रकार बेहद खतरनाक हैं। दून अस्पताल में हर सप्ताह हेपेटाइटिस से पीड़ित करीब 40 मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों ने इसको लेकर खासी चिंता जाहिर की है। वहीं चिकित्सक इसके पीछे की कई वजह बता रहे हैं। हेपेटाइटिस जिसे बोलचाल की भाषा में पीलिया भी कहा जाता है, लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। मरीज में हेपेटाइटिस के भी पांच प्रकार देखने को मिल रहे हैं। इसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई हैं। दून अस्पताल के मेडिसन विभाग के चिकित्सक डॉ. अंकुर पांडेय बताते हैं कि अलग-अलग प्रकार के हेपेटाइटिस के कारण भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन इनके प्राथमिक लक्षण एक जैसे होते हैं। हेपेटाइटिस बी और सी को अत्यधिक खतरनाक माना जाता है। जबकि हेपेटाइटिस ए, डी और ई को वायरल हेपेटाइटिस की श्रेणी में रखा गया है। चिकित्सक के मुताबिक नजरअंदाज करने पर वायरल हेपेटाइटिस भी जानलेवा साबित हो सकता है।
दूषित खान-पान वायरल हेपेटाइटिस की बड़ी वजह
चिकित्सक डॉ. अंकुर पांडेय के मुताबिक आमतौर पर वायरल हेपेटाइटिस दूषित खान-पान और अव्यवस्थित दिनचर्या की वजह से होता है। जो लीवर को प्रभावित करता है। वायरल हेपेटाइटिस के ज्यादातर मामले बच्चों और वयस्कों में देखने को मिलते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस आयु वर्ग के ज्यादातर लोग बाहर के खाने का सेवन करते हैं। इससे उनमें हेपेटाइटिस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
मां से बच्चों में पहुंचता है क्रोनिक हेपेटाइटिस
चिकित्सक के मुताबिक क्रोनिक हेपेटाइटिस यानि हेपेटाइटिस बी और सी काफी खतरनाक होता है। यह जन्म के समय मां से नवजातों में चला जाता है। इसके अलावा यह संक्रमित लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने और एक ही निडिल के कई लोगों को इंजेक्शन लगाने से होता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
बुखार आना
उल्टी होना
पेसाब व आंखों में पीलापन होना
भूख कम लगना
बचाव के उपाय
स्वच्छ खाने को सेवन करें
पानी को उबाल कर पिएं
चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर ही दवाइयों का सेवन करें