आपदा के समय एनडीआरएफ की टीम मदद के लिए पहुंचती है। एनडीआरएफ कम्युनिकेशन, रेस्क्यू ऑपरेशन आदि के लिए उन्नत संसाधन हैं। राज्य में आपदा से निपटने के लिए संस्थाएं क्षमता बढ़ाने में जुटी हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ड्रोन और श्वान से भी लैस हुआ है। इसके अलावा माणा जैसी घटनाओं के दृष्टिगत रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पर्वतीय बचाव दल भी बनाए गए हैं। इसमें एडवांस ट्रेनिंग कर चुके कर्मियों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही बचाव टीमों के साथ डॉक्टर भी पहली बार तैनात किए गए हैं। इन संसाधनों को एनडीआरएफ बढ़ाने में जुटा है। बचाव अभियान के लिए ड्रोन को जुटाया गया है, अधिकारियों के मुताबिक इससे दुर्गम क्षेत्रों की सही स्थिति का पता चलने में मदद मिलेगी और बचाव अभियान को और भी बेहतर ढंग से चलाने में मदद मिलेगी। इसके लिए एनडीआरएफ ने दो ड्रोन लिए हैं।
राज्य में टीमों की संख्या बढ़ेगी
15 एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहिताश्व मिश्रा कहते हैं कि खोजबीन अभियान के लिए आठ श्वान को भी जोड़ा गया गया है। इससे मलबे में दबे लोगों की तलाश में मदद मिलेगी। इसके अलावा हिमालय क्षेत्रों में आपरेशन के लिए खास पर्वतीय बचाव दल बनाने के साथ तैनाती की गई है। यह टीम ऐसे आपरेशन में तेजी से पहुंचेगी। इसके अलावा रेस्क्यू आपरेशन की टीमों में पैरामेडिकल स्टाफ के साथ पहली बार डॉक्टर की भी तैनाती की गई है। राज्य में टीमों की संख्या को जल्द बढ़ाया जाएगा। अभी 10 टीमें हैं, इनकी संख्या जल्द 13 होगी।