हिमालय क्षेत्र में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के चलते मैदानी इलाकों में ठंड और गलन बढ़ गई है। अगले 48 से 72 घंटों तक ठंड और कोहरे से राहत मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे में मेरठ समेत पूरे वेस्ट यूपी में नए साल का आगाज भी कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच होगा।
सीजन का सबसे सर्द दिन रहा सोमवार
सोमवार इस सीजन का अब तक का सबसे सर्द दिन दर्ज किया गया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की वेधशाला के अनुसार अधिकतम तापमान गिरकर 16.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिनभर धूप कमजोर रही, जिससे गलन बनी रही।
बूंदाबांदी से और बढ़ेगी सर्दी
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एम. शमीम ने बताया कि साल के अंतिम दिनों में ठंड और कोहरा दोनों चरम पर हैं और अगले तीन दिनों तक राहत की उम्मीद कम है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है, जिसका असर मैदानी इलाकों में दिख रहा है। एक जनवरी को वेस्ट यूपी के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी।
कोहरे की चादर में लिपटे हाईवे
सुबह और रात के समय दृश्यता घटकर 10 से 20 मीटर रह गई है। हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं। ट्रेन और बसें घंटों देरी से चल रही हैं, जिससे दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मौसम विभाग ने कोहरे में वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एक्यूआई 300 के पार, हवा हुई जहरीली
ठंड के साथ स्मॉग ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार को मेरठ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 318 दर्ज किया गया। जयभीम नगर में एक्यूआई 334, दिल्ली रोड पर 325, बेगमपुल पर 320 और पल्लवपुरम में 301 दर्ज किया गया।
कोहरे की मार से ट्रेनें लेट
घने कोहरे का असर रेल संचालन पर भी साफ दिखा। कई ट्रेनें घंटों देरी से चलीं। प्रयागराज से मेरठ सिटी आने वाली संगम एक्सप्रेस लगभग छह घंटे देरी से पहुंची, जबकि बाड़मेर से जम्मू जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस भी तय समय से करीब 40 मिनट लेट रही। ठंड और कोहरे के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।







