सितारगंज के शक्तिफार्म क्षेत्र में सूखी नदी पर बने पुल की सुरक्षा एक बार फिर खतरे में पड़ गई है। मानसून में दो बार बह चुका एप्रोच मार्ग फिर से भीतर से खोखला होने लगा है। पुल के पिलर की बुनियाद भी अपनी मजबूती खोती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसकी बड़ी वजह रात के अंधेरे में हो रहा अवैध मिट्टी खनन है। इससे नदी के बहाव का रुख बदल गया है और तेज पानी पुल की एप्रोच दीवार को कमजोर कर रहा है। लोगों का आरोप है कि अधिकारी जानबूझकर इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।शक्तिफार्म और सिडकुल को जोड़ने वाला यह पुल क्षेत्र की अहम कड़ी है।
रोजाना सैकड़ों सिडकुल कर्मी और भारी वाहन आवाजाही करते हैं। यदि पुल या एप्रोच मार्ग को नुकसान पहुंचता है तो लोगों को सितारगंज होकर करीब 20 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। पिछले साल मानसून में नदी का रुख बदलने से एप्रोच मार्ग बह गया था जिसे बाद में लोक निर्माण विभाग ने दुरुस्त कराया था। अब हालात एक बार फिर गंभीर होते नजर आ रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि अवैध मिट्टी खनन के कारण पुल के साथ-साथ आसपास की कृषि भूमि भी प्रभावित हो रही है। हर साल मानसून के दौरान दो से ढाई सौ एकड़ खेती योग्य भूमि नदी में समा जाती है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन अवैध खनन की जानकारी होने से इनकार करता रहा है।
ग्रामीण बोले- मिलीभगत से हो रहा खनन
ग्रामीणों का आरोप है कि कई महीनों से जिम्मेदार अधिकारियों और कुछ जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से पुल के पास सूखी नदी में अवैध मिट्टी खनन किया जा रहा है। रात करीब ढाई बजे खनन शुरू होता है जो सुबह तक चलता रहता है। रातभर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाज से ग्रामीणों की नींद में खलल पड़ रहा है।शक्तिफार्म में अवैध मिट्टी खनन की जानकारी नहीं है। जल्द ही टीम के साथ मौके पर जाकर जांच करूंगा। अवैध खनन करते पकड़े जाने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। – मनीष कुमार, उप निदेशक खनन
सूखी नदी के पुल के नीचे हुए मिट्टी खनन की रिपोर्ट तैयार करने के लिए राजस्व उप निरीक्षक को निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट मिलने पर सख्त कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा। – हिमांशु जोशी, तहसीलदार, सितारगंज







