केंद्र सरकार की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर कर जीरामजी करने का कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौदह बीघा में केंद्र सरकार का पुतला फूंककर इस फैसले का विरोध किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने कहा केंद्र की भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को खत्म करने के लिए एक बिल लाकर गलत कदम उठाया है। भाजपा सरकार का यह निर्णय रोजगार के अधिकार कानून को कमजोर करने वाला है। लोक कल्याणकारी योजना से महात्मा गांधी का नाम मिटाने की एक सोची समझी चाल है। कहा कि मनरेगा कानून ने ग्रामीण भारतीयों को काम मांगने का कानूनी अधिकार दिया गया था। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक व्यक्ति का 100 दिन का रोजगार मिलता था। कांग्रेस नेता दिनेश भट्ट ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का प्रस्तावित नया बिल मनरेगा में दिए गए काम के कानूनी अधिकार को खत्म कर देगा। पुतला फूंकने वालाें में अनिल रावत, दिनेश सकलानी, महावीर खरोला, सुनील आर्य, सचिन सेलवान, बलदेव भंडारी, दिलबीर रावत, पवन लेखवार आदि शामिल रहे।
मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में पुतला फूंका
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