उत्तरकाशी। भारत-चीन सीमा क्षेत्र की विषम परिस्थितियों में जहां निर्माण कार्य आसान नहीं है। वहीं बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) ने विषम परिस्थितियों में सीमा क्षेत्र में अब तक तीन पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। इनमें से एक पुल का लोकार्पण होना है। तीन अन्य निर्माणाधीन हैं। वहीं पुल बनने से केंद्र की वाइब्रेंट विलेज योजना में आबाद किए जाने वाले जादूंग गांव तक पर्यटकों की पहुंच भी आसान बनाएगी। नेलांग-जादूंग घाटी क्षेत्र में केंद्र सरकार सड़क सुधार और पुल निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। यही वजह है कि यहां अब सीमा क्षेत्र में अग्रिम चौकियों तक पक्की और अच्छी सड़कें बनाई जा रही हैं। किसी भी मौसम में सेना की पहुंच को आसान बनाने के लिए डबल लेन स्टील गार्डर पुलों का निर्माण कार्य भी जोरों पर है। भैरोंघाटी से लेकर नेलांग के बीच 6 में से 3 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
इनमें से एक पुल का लोकार्पण जल्द किया जाएगा। जबकि एक पुल का निर्माण 90 फीसदी तक पूरा कर लिया गया है। दो अन्य का निर्माण जारी है।यहां निर्माण पर आसान नहीं है। विषम परिस्थितियों में बीआरओ के इंजीनियर और श्रमिक पुल का ढांचा खड़ा करने से लेकर पुल जोड़ने के कार्य में लगे हैं। इससे यहां आने वाले समय में सेना की पहुंच आसान होने की उम्मीद है। केंद्र की वाइब्रेंट विलेज योजना में आबाद किए जाने वाले जादूंग गांव तक पर्यटकों की पहुंच भी आसान बनाएगी। बीआरओ जादूंग तक इंटरलॉकिंग कंक्रीट ब्लॉक फुटपाथ (ICBP) से सड़क निर्माण की योजना बना रहा है। नेलांग घाटी में 6 में से 3 डबल लेन स्टील गार्डर पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। दो पुल निर्माणाधीन हैं। एक अन्य का काम 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। विषम परिस्थितियों में भी जोश के साथ काम जारी है। – विवेक श्रीवास्तव, कमांडर बीआरओ