काशीपुर। पौराणिक गौविषाण टीले पर तेंदुआ दिखने से पुरातत्व विभाग के कर्मचारी दहशत में हैं। विभाग ने टीले पर आमजन की आवाजाही पर लगभग सवा साल से आवाजाही पर प्रतिबंधित तो लगा दिया, लेकिन तेंदुआ पकड़ने को कोई ठोस कदम नहीं उठाया।बाजपुर रोड स्थित गौविषाण टीले का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है। यहां पर लगभग डेढ़ साल से तेंदुए ने अपना बसेरा बना रखा है। कई बार तेंदुए दिखाई देने पर वन विभाग ने टीले के मुख्य गेट को 19 मई 2023 को बंद कर आमजन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
पुरातत्व विभाग के रंजीत कुमार ने बताया तेंदुआ यहां पर लगभग डेढ़ साल से रह रहा है। पहले कई तेंदुए थे, जिसमें से लगभग दो की मौत हो चुकी है। वर्तमान में भी दो तेंदुए देखे जा रहे हैं। बताया कि बीते रविवार की शाम लगभग साढ़े सात बजे से सोमवार की सुबह लगभग पांच बजे तक तेंदुआ मुख्य टीले पर सोता हुआ देखा गया है। सोमवार की सुबह लगभग साढ़े दस बजे तेंदुआ टीले के जाने वाले रास्ते पर विभागीय कर्मियों ने देखा था। रंजीत ने बताया विभाग में लगभग 10-12 लोग काम करते हैं। जिसमें साफ-सफाई करने वालों के अलावा दिन-रात में चौकीदारी करने वाले शामिल हैं, सभी दहशत के साए में काम करने को मजबूर हैं।
टीले से हो चुकी हैं कई चोरियां
काशीपुर। पुरातत्व विभाग के रंजीत कुमार ने बताया टीले से लगभग 20 हजार रुपये की चोरी हो चुकी है। जिसमें तिरंगा झंडा का स्टार्डर, फावड़ा, गैती समेत साफ-सफाई करने वाले उपकरण हैं। जिसकी वजह से रात के समय भी चौकीदार करानी पड़ रही है।
कोट
टीले पर तेंदुआ दिखाई देने की सूचना पर वहां नियमित रूप से कांबिंग कराई जा रही है। अब वहां पर एक-दो दिन में कैमरे लगाए जाएंगे। उसके बाद अनुमति लेकर पिंजरा लगाया जाएगा। – देवेंद्र सिंह रजवार, वन क्षेत्राधिकारी, काशीपुर।







