मौसम में परिवर्तन से उप जिला अस्पताल विकासनगर में कान, नाक और गले के मरीजों की संख्या बढ़ी है। उधर, ईएनटी सर्जन 22 दिन के लिए छुट्टी पर हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेषज्ञ की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। जनरल ओपीडी में लक्षणों के आधार पर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। गंभीर लक्षण होने पर मरीजों को हायर सेंटर भेजा जा रहा है।बीते एक सप्ताह से मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। कभी तेज धूप तो कभी आसमान में बादल छाने से ठंडी हवाएं चल रही हैं। दो दिनों से बारिश भी हो रही है। इस बीच अस्पताल में कान, नाक और गले के मरीज बढ़ रहे हैं। करीब 50 से 55 लोग रोजाना उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। उधर, 19 फरवरी से ईएनटी सर्जन छुट्टी पर चल रही हैं। वह 12 मार्च तक छुट्टी पर रहेंगी। उनकी ओपीडी के संचालन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
ईएनटी की ओपीडी में साइनसाइटिस, टोंसिलाइटिस, लैरिंजाइटिस, फैरिन्जाइटिस, ओटिटिस मीडिया जैसे संक्रमण से ग्रस्त कई मरीज आ रहे है। इन मरीजों की उपकरणों से जांच होती है। संक्रमण के स्तर के अनुसार उपचार दिया जाता है। लेकिन, जनरल ओपीडी में लक्षणों और ऊपरी जांच के आधार पर मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। समस्या बढ़ने और जांच की स्थिति में चिकित्सक मरीजों को रेफर कर रहे हैं। विकासनगर से देहरादून के सरकारी अस्पतालों की दूरी करीब 40 से 50 किलोमीटर है। ऐसे में रेफर होने वाले अधिकतर मरीज निजी अस्पताल और क्लीनिक में उपचार करवाने को मजबूर हैं।उप जिला अस्पताल विकासनगर के सीएमएस डॉ. विजय सिंह ने बताया कि ईएनटी सर्जन 12 मार्च तक अवकाश पर हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आसपास की सीएचसी में ईएनटी सर्जन नहीं है। विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पत्र भेजा जा रहा है।