Thursday, November 6, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डइवैकुएशन प्लान की होगी रिहर्सल 30 जून को उत्तराखंड में होगी आपदा...

इवैकुएशन प्लान की होगी रिहर्सल 30 जून को उत्तराखंड में होगी आपदा मॉक ड्रिल

देहरादून: 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल कराने को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया. सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया पिछले दिनों आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के मैदानी जनपदों में बाढ़ की स्थिति पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने तथा विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय तथा सामंजस्य को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे. उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी. मॉक ड्रिल ऐसे स्थानों में आयोजित की जाएगी, जहां विगत कुछ वर्षों से लगातार जल भराव तथा बाढ़ के हालात उत्पन्न हो रहे हैं.28 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी. 30 जून को मॉक ड्रिल का आयोजन होगा. मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा. 09 जून को राज्य, जनपद तथा तहसील स्तरीय आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है.

फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने का होगा अभ्यास: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के सामने भोजन तथा अन्य सामग्री का संकट हो जाता है. ऐसे में मॉक ड्रिल के दौरान भोजन की किट को भी एयरड्राप किया जाएगा. सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हेलीकॉप्टर से भोजन ड्राप करने का अभ्यास किया जाना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि भोजन ड्राप करने वाले व्यक्ति की सुरक्षा तथा भोजन सुरक्षित लोगों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है. इस अभ्यास के दौरान वास्तविक फूड पैकेट ड्राप किए जाएंगे.

इवैकुएशन प्लान की भी होगी रिहर्सल : बाढ़ चेतावनी संदेशों को वाट्सएप, एसएमएस, रेडियो आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. इस दौरान निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा. लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी.राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा: मॉक अभ्यास के दौरान बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी. वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी.

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments