रुद्रपुर। शहर के स्क्रैप गोदाम में लगी आग 20 घंटे बाद भी नहीं बुझ पाई। लगातार आठ घंटे तक दमकल की 12 गाड़ियां आग को बुझाने में लगी रहीं। भोर के तीन बजे तक दमकल की गाड़ियों के साथ ही सैकड़ों लोग आग बुझाने में जुटे रहे। इसके बावजूद दूसरे दिन भी रह-रह कर आग धधकती रही। स्क्रैप गोदाम सहित अगल-बगल की करीब 12 दुकानें आग की जद में आ गई हैं। किच्छा हाईवे पर मेडिसिटी अस्पताल के पीछे स्क्रैप के कई गोदाम हैं। बृहस्पतिवार शाम लगभग सात बजे अज्ञात कारणों से स्क्रैप के एक गोदाम में आग लग गई। लपटें देखकर लोग आग बुझाने की नाकाम कोशिश करते रहे।
आग बुझने के बजाय बढ़ती गई। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आसपास की दुकानों के साथ ही रबड़ दाना बनाने वाली छोटी फैक्टरी और गत्ता की दुकानों तक पहुंच गई।सूचना पर फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग के विकराल रूप को देखते हुए सिडकुल की भी छह गाड़ियां बुलाई गई। इसके बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा स का। पुलिस प्रशासन ने एहतियातन अगल-बगल की दुकानों और मकानों को खाली करा दिया। पूरी रात आग बुझाने की जद्दोजहद चलती रही। सुबह तीन बजे ऊंची उठतीं लपटों पर लगाम लगा। इसके बाद सिडकुल की गाड़ियों को भेज दिया गया। शुक्रवार को पूरे दिन रह-रहकर धधक रही आग को बुझाने में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जुटी रहीं।
प्रभावितों के लिए मुआवजे की मांग
रुद्रपुर। समाजसेवी सुशील गाबा ने शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचकर अग्निशमन और राजस्व विभाग के अधिकारियों से बात की। उन्होंने राज्य सरकार से इनको अधिक से अधिक मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि इस भीषण अग्निकांड से स्क्रैप कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार को संवेदनशीलता और गंभीरता दिखाते हुए तत्काल मुआवजा देना चाहिए। वहां रमेश कालड़ा, आलोक कालड़ा, विकास कुकरेजा, लखबीर सिंह लक्खा, जितेंद्र संधू, जावेद अख्तर, नईम, मोहम्मद तसलीम हुसैन आदि थे। संवाद
आग बुझने पर होगा नुकसान का आकलन
20 घंटे बाद भी फायर ब्रिगेड पूरी तरह से आग पर काबू नहीं पा सका था। खबर लिखे जाने तक फायरकर्मी आग बुझा रहे थे। इसके चलते नुकसान का आकलन नहीं हो पाया। विभाग का मानना है कि आग में काफी नुकसान हुआ है। आग के बुझने पर कारणों का पता लगाते हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। शुक्रवार की दोपहर तक रह-रह कर आग धधकती रही। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर लगाई गई हैं। कर्मी लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। अभी तक नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है। – संजीव कुमार, सीएफओ।







