Monday, September 22, 2025
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दो बड़ी योजनाओं के बाद भी बनी है पेयजल किल्लत

पिथौरागढ़। जाग उठा पहाड़ की ओर से गांधी चौक में पानी आपूर्ति सुचारु करने की मांग पर क्रमिक अनशन किया जा रहा है। जल संस्थान होश में आओ, आज दो अभी दो पानी दो पानी दो के नारों के साथ लोगों ने जल संस्थान का पुतला फूंका गया। आंदोलन को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता अमन खड़ायत ने कहा कि सभी को एकजुट होकर इसके लिए संघर्ष करना चाहिए। वरिष्ठ नागरिक राजेंद्र सिंह खनका ने कहा कि दो सबसे बड़ी योजनाएं होने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। अधिकारियों के नकारेपन का खामियाजा जनता को भुगत रही है। जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर ने कहा कि जब तक पेयजल आपूर्ति सुचारु नहीं हो जाती है आंदोलन जारी रहेगा। यहां जितेंद्र नगरकोटी, रमेश बिष्ट समेत कई लोग मौजूद रहे।

अब संयुक्त संघर्ष समिति लड़ेगी पानी के लिए लड़ाई
पिथौरागढ़। जाग उठा पहाड़ के आह्वान पर रविवार को पिथौरागढ़ के गांधी चौक में विभिन्न संगठनों की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि सोर घाटी के पानी की लड़ाई अब संयुक्त संघर्ष समिति लड़ेगी। जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे। बैठक में तय किया गया कि अब पानी की लड़ाई संयुक्त संघर्ष समिति लड़ेगी। 19 जून को डीएम कार्यालय का घिराव किया जाएगा। बैठक में वरिष्ठ नागरिक संगठन, व्यापार संघ, अधिवक्ता संस्था, पूर्व सैनिक, गुरिल्ला संगठन सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। संवाद

सूखने के कगार पर पहुंचे 28 जलस्रोत, रोस्टर से मिल रहा है पानी
पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय में पेयजल किल्लत को देखते हुए रोस्टर से पानी का वितरण किया जा रहा है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सुरेश चंद्र जोशी ने बताया कि 7.50 एमएलडी से अधिक पानी नहीं मिल पा रहा है। ठुलीगाड़, भैलोत, रई योजनाओं में पानी नाममात्र का रह गया है। ग्रामीण क्षेत्र के 28 पेयजल स्रोत सूखने की कगार पर हैं। नगर में जहां पानी की दिक्कत हो रही है वहां टैंकर के जरिए पानी का वितरण किया जा रहा है। पानी खुलते समय बिजली की मोटर चलने से भी दिक्कत बनी हुई है। मोटर अधिकांश पानी खींच लेती है।

मुसेली तोक में दो माह से पेयजल किल्लत
झूलाघाट (पिथौरागढ़)। विगत दो माह से चौड़ीगाड़ ग्राम सभा के मुसेली तोक के नलों में पानी नहीं आ रहा है। इससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण कैलाश चंद्र भट्ट का कहना है कि सरकार जल जीवन मिशन के तहत घर घर जल की व्यवस्था की बात करती है लेकिन उनके यहां अभी तक पाइप लाइन तक नहीं पहुंच पाई है। प्रकाश भट्ट का कहना है कि चौड़ीगाड़ ग्राम सभा में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइन को भी पुराने सूख रहे स्रोत कमेटपानी से जोड़ दिया गया है। इससे पेयजल समस्या जस की तस है। ग्रामीणों ने कहा कि पेयजल की व्यवस्था सुचारु नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

सिल्थाम क्षेत्र में नालियों में बहता रहा पानी
पिथौरागढ़। जहां एक ओर पानी का संकट बना हुआ है वहीं जल संस्थान की जर्जर हाल लाइनों के कारण पीने का पानी नालियों में बरबाद हो रहा है। रविवार सुबह सिल्थाम से भाटकोट जाने वाले मार्ग में क्षतिग्रस्त लाइनों के कारण पानी नालियों में बहकर बरबाद होता रहा। इस पर लोगों में जल संस्थान के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

जारा जिबली के ग्रामीण भी पानी को तरसे
पिथौरागढ़। बढ़ती गर्मी से तहसील बंगापानी तहसील मुख्यालय समेत आस पास के दर्जनों गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। गांव के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। वर्ष भर पानी देने वाले करीब 50 फीसदी प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख चुके हैं। बंगापानी तहसील के जारा जिबली, बैकोट, जारा, देवथल, बाननी, छोरीबगड़ और कोटधार सहित कई गांवों में एक सप्ताह से पेयजल संकट बना हुआ है। 2500 से अधिक आबादी वाले इन गांव में बढ़ती गर्मी के कारण वर्षभर पानी देने वाले 50 फीसदी से अधिक पेयजल स्रोतों का पानी सूख गया है। बंगापानी बाजार में कई दिनों से पेयजल संकट गहराया हुआ है। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों सहित कई घरों में लंबे समय से पानी नहीं आ रहा है। लोग दूरस्थ में स्थित स्रोतों से पानी जुटा रहे हैं।

कोट
ग्राम पंचायत जारा जिबली में गर्मी के कारण वर्षभर पानी रहने वाले कई पेयजल स्रोत सूख चुके हैं। इससे लोगों को पेयजल की काफी दिक्कतें हो रही है। – रूप सिंह धामी, ग्रामीण जारा जिबली

कोट
बंगापनी बाजार में कभी-कभी पानी आता है। बार- बार विभाग को बताने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पानी बर्तनों में दूर से ढोना पड़ता है।- गोविंद बथ्याल, होटल स्वामी, बंगापानी

पाटी विकासखंड के गड्यूड़ा में प्राकृतिक जल स्रोतों पर टिकी पेयजल व्यवस्था
पाटी/चंपावत। जिले के पाटी विकासखंड की गड्यूड़ा ग्राम पंचायत के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। शादी और धार्मिक कार्यों के लिए लोग तीन माह पहले से पानी का भंडारण कर रहे हैं। 40 से अधिक परिवार वाली ग्राम पंचायत के लोग पानी के लिए रात चार बजे से नौले, धारे पर लाइन लगा रहे हैं। काफी इंतजार के बाद पानी के लिए उनका नंबर आ रहा है।

पानी की किल्लत से जूझ रहे तल्लादेश के लोग
चंपावत। सीमांत तल्लादेश की 25 हजार से अधिक आबादी पानी के लिए संघर्ष कर रही है। सबसे बुरा हल मंच और दुबड जैनेल का हैं। यहां 52 परिवारों के लोग हैंड पंप के सहारे हैं। लोग सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक पानी भर रहे हैं। क्षेत्र में 80 लाख से बनी पेयजल पंपिंग योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है, इससे लोगों के लिए मुश्किल और भी बढ़ गई हैं।जल संस्थान के कनिष्ठ अभियंता हेमंत फुलारा ने बताया कि पेयजल योजना का जल्द संचालन किया जाएगा। क्षेत्र में पेयजल टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।

कोट
80 लाख से बनी पंपिंग योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। गर्मी के मौसम में क्षेत्र के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पूरा दिन पानी की आपूर्ति में लग रहा है। – दीपक महर, प्रधान, मंच।

कोट
जिला मुख्यालय से 62 किमी दूर गड्यूड़ा गांव के लोगों को पानी के लिए रातभर जागरण करना पड़ रहा है। ग्रामीण रात चार बजे से ही पानी भरने के लिए नौले के पास इकट्ठा होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीण नवीन भट्ट, सुनील भट्ट, प्रकाश चंद्र, किशोर भट्ट, दीपक भट्ट आदि का कहना है कि जिला प्रशासन को जल्द से जल्द समस्या का समाधान करना चाहिए। 50 सालों का गर्मी ने रिकार्ड तोड़ दिया है। पालतू पशुओं के लिए भी पानी नहीं है। बुढ़ापे में हैंडपंप में पानी के लिए चिलचिलाती गर्मी में खड़े होना मुश्किल हो रहा है। हर घर नल योजना का भी लाभ नहीं मिला है। – जगत सिंह महर, ग्रामीण, मंच

पानी की किल्लत से जूझ रहे तल्लादेश के लोग
चंपावत। सीमांत तल्लादेश की 25 हजार से अधिक आबादी वाले पानी के लिए संघर्ष कर रही है। सबसे बुरा हल मंच और दुबड जैनेल का हैं। यहां 52 परिवारों के लोग हैंड पंप के सहारे हैं। लोग सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक पानी भर रहे हैं। जल संस्थान क्षेत्र में पानी की समस्या को देखते हुए हर तीसरे दिन टैंकर से पानी की आपूर्ति कर रहा है। क्षेत्र में 80 लाख से बनी पेयजल पंपिंग योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है, इससे लोगों के लिए मुश्किल और भी बढ़ गई हैं। जल संस्थान के कनिष्ठ अभियंता हेमंत फुलारा ने बताया कि पेयजल योजना का जल्द संचालन किया जाएगा। क्षेत्र में पेयजल टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। 80 लाख से बनी पंपिंग योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। गर्मी के मौसम में क्षेत्र के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पूरा दिन पानी की आपूर्ति में लग रहा है। – दीपक महर, प्रधान, मंच।
50 सालों का गर्मी ने रिकार्ड तोड़ दिया है। पालतू पशुओं के लिए भी पानी नहीं है। बुढ़ापे में हैंडपंप में पानी के लिए चिलचिलाती गर्मी में खड़े होना मुश्किल हो रहा है। हर घर नल योजना का भी लाभ नहीं मिला है। – जगत सिंह महर, ग्रामीण, मंच

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