राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले हल्द्वानी शहर के चौराहों के चौड़ीकरण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर कार्यदायी संस्थाओं ने जो फुर्ती दिखाई थी, वह खेल खत्म होने के बाद गायब हो गई। दोनों के तेवर ढीले पड़ गए। नतीजा यह है कि 13 चौराहों में से कई के चौड़ीकरण का काम कछुआ चाल हो गया। यह काम कब पूरा होगा, इसकी जानकारी अधिकारियों के पास भी नहीं है। वे फिलहाल बजट न होने का सहारा ले रहे हैं। शहर और आसपास के क्षेत्रों में जाम की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने 13 चौराहों के चौड़ीकरण की योजना तैयार कर एक साल पहले उसे अमलीजामा पहनाना शुरू किया था।
गौलापार स्टेडियम और मिनी स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले इस काम में एकाएक तेजी आई और दिन-रात मशीनें चलती रहीं। खेल खत्म हुआ तो काम भी धीमा पड़ गया।कॉलटैक्स, नरीमन, कटघरिया, लालडांठ, सिंधी चौराहा, कुसुमखेड़ा, लामाचौड़, मुखानी, कमलुवागांजा, गैस गोदाम व आरटीओ रोड चौराहे के चौड़ीकरण का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। कहीं अतिक्रमण हटाना है तो कहीं दूसरी दिक्कते हैं। यही नहीं कुछ स्थानों पर कब्जे वाली भूमि का भौतिक सत्यापन किया जाना है। इसके चलते चौराहों का चौड़ीकरण अटका हुआ है। नगर निगम व दूसरी संस्थाएं दूसरे कामों में तो लगी हैं, मगर चौराहों के चौड़ीकरण का काम वे लगभग भूल सा गए हैं।
चौराहों के नजदीक से अतिक्रमण हटाना भी भूले
मुखानी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से पहले लोनिवि की टीम कुछ स्थानों पर निशान लगाने पहुंची थी। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद यह काम लटक गया। निशान लगाने से पहले ही एक व्यक्ति कोर्ट चला गया। इसके बाद अफसरों ने अतिक्रमण हटाने से अपने को रोक लिया है। शहर में केवल जाम से निजात के लिए ही अतिक्रमण हटाने का काम कभी कभार हो रहा है, किसी योजना को पूरा करने के लिए नहीं। झंझट वाले अतिक्रमण को हटाने से सब बच रहे हैं। चौराहों के चौड़ीकरण के लिए पूर्व में 13 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इससे कुछ चौराहों का चौड़ीकरण करा दिया गया है। शेष चौराहों में अभी और काम होना है। इसके लिए 21 करोड़ की दूसरी किस्त का अतिरिक्त प्रस्ताव भेजा गया है। धनराशि स्वीकृत होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। – रत्नेश सक्सेना, ईई लोनिवि