एसटीएफ, कोतवाली पुलिस और डब्ल्यूसीसीबी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर उत्तरकाशी निवासी तस्कर को हिरण के दो पैर और कस्तूरी के साथ गिरफ्तार किया। तस्कर खुद को सैन्यकर्मी (लांस नायक) बता रहा था। आरोपी के पास से सेना की कैंटीन का एक फर्जी कार्ड भी मिला है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ वन्य जीन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूचना पर जांच के लिए सेना की टीम की ओर से भी आरोपी के खिलाफ तहरीर देने की तैयार की जा रही है।डब्ल्यूसीसीबी, दिल्ली की टीम की ओर से एसटीएफ को विकासनगर क्षेत्र में वन्य जीव के अंगों की तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना पर बुधवार को एसटीएफ के निरीक्षक यशपाल सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एक टीम क्षेत्र की ओर रवाना हुई। जब, एसटीएफ और डब्ल्यूसीसीबी की टीम प्रेमनगर थाना क्षेत्र में पहुंची तो मुखबिर ने उन्हें तस्कर की लोकेशन बताई।एसटीएफ की टीम विकासनगर कोतवाली में संपर्क कर उपनिरीक्षक सनोज कुमार और टीम के साथ शक्तिनहर पुल नंबर दो के पास पहुंची। मुखबिर ने पुलिस को बताया कि तस्कर डाकपत्थर की ओर जाने वाले रास्ते पर टिन शेड के पास खड़ा है।
पुलिस ने बताए गए स्थान पर खड़े व्यक्ति की तलाशी ली तो उसकी पैंट की जेब में रखी पॉलिथीन से हिरण के दो पैर और कस्तूरी (25.62 ग्राम) मिली। व्यक्ति के पास से सेना की एक कैंटीन कार्ड भी मिला है। व्यक्ति ने अपना नाम उत्तरकाशी के नौगांव के लारा गांव निवासी कृष्ण कुमार बताया। वह हाल में हरबर्टपुर की विजय कॉलोनी में रह रहा है। बताया कि वह सैन्यकर्मी है। पहले आरोपी ने बताया कि वह लाखामंडल के एक व्यक्ति विक्की उर्फ विवेक से पैर और कस्तूरी लेकर बेचने के लिए आया था। फिर बताया कि वह उत्तरकाशी के गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान से पैर और कस्तूरी लेकर बेचने के लिए विकासनगर आया था। बताया कि उससे कहा गया था सामान देने के बाद उसको रुपये मिलेंगे।एसपी एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने मामले का खुलासा करने हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया कि तस्कर को हिरण के पैर और कस्तूरी देने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है।