Monday, September 22, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डखरपतवार से तैयार किया जैविक खाद किसान नरेंद्र मेहरा जैविक खेती को...

खरपतवार से तैयार किया जैविक खाद किसान नरेंद्र मेहरा जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा

हल्द्वानी। जहां आमतौर पर फसल काटने के बाद खेतों में फसल अवशेष रह जाती हैं। उन्हें कई किसान आग के हवाले कर देते हैं। जिससे खेतों के सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। लोगों को भी खेतों के खरपतवार से जैविक खाद्य तैयार करने के सलाह दे रहे हैंकिसान नरेंद्र सिंह मेहरा द्वारा इसमें बारीकी से प्रयोग किया तो उन्होंने पाया कि पूसा डीकंपोजर खेती के लिए एक वरदान है। यदि फसल कटाई के बाद जो अवशेष खेतों में बच जाते हैं 200 लीटर पूसा डीकंपोजर से खेत की सिंचाई करने के बाद खरपतवारों में नियंत्रण देखा गया। इसको बनाने के लिए दो सौ लीटर पानी में दो किलो गुड़ मिलाकर तैयार किया जाता है।प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा कृषि के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल कर चुके हैं। जैविक खेती के लिए पूरे उत्तराखंड में अपनी पहचान रखते हैं। इसी के तहत किसान नरेंद्र मेहरा जैविक खेती में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।

जिससे यह अपशिष्ट मात्र 55 से 60 दिनों में पूर्ण रूप से डीकंपोज होकर बायो मैन्योर में बदल जाता है। जो खेतों में कार्बन की मात्रा बढ़ाने के साथ ही सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि करता है।इससे किसान की इनपुट लागत घटने के साथ ही मृदा स्वस्थ्य बनी रहती है। उनके इस कार्य में आईसीएआर भी मदद करता है। उन्होंने बताया कि अपने खेतों के अपशिष्ट पदार्थ को इधर-उधर फेंकने और आग लगाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने आगे कहा कि अपशिष्ट पदार्थ को खेत में ही डीकंपोज किया जाए तो किसान जैविक खाद के माध्यम से अपने खेतों में उन्नत फसल तैयार कर सकते हैं। इससे पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments