प्रदेश में सेब के कोल्ड स्टोरेज (शीतगृह) के लिए सरकार चार करोड़ रुपये तक अनुदान देगी। वहीं, सहकारी संस्थानों को इसके लिए पांच करोड़ 60 लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा। इसके अलावा सरकार की रोपवे निर्माण की भी योजना है। भंडारण की उचित व्यवस्था और जगह-जगह रोपवे बनने से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सकेगा। राज्य की जलवायु सेब के उत्पादन के लिए अनुकूल है। राज्य में उत्तरकाशी, देहरादून का चकराता, चमोली, टिहरी, अल्मोड़ा एवं नैनीताल में सेब का उत्पादन किया जा रहा है लेकिन भंडारण की उचित व्यवस्था न होने और परिवहन में देरी से किसानों को सेब के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। कई बार उन्हें मजबूरन इसे औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है। परिवहन में देरी से सेब की गुणवत्ता घट जाती है। जिसे देखते हुए सरकार ने सेब की तुड़ाई के बाद इसके प्रबंधन के लिए योजना तैयार की है।
किसानों को फसल का मिलेगा उचित दाम सेब के कोल्ड स्टोरेज के लिए चार करोड़ तक अनुदान देगी सरकार
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