Sunday, September 21, 2025
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देश में पहली बार आइसलैंड की तकनीक पर होगा काम पानी की भाप से घूमेगी टरबाइन

राज्य में कई जगहों पर गरम पानी के स्रोत उपलब्ध हैं। इन्हीं प्राकृतिक गरम पानी के स्रोत का उपयोग अब बिजली बनाने के लिए किया जाएगा। वाडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने बताया कि इसके लिए संस्थान की ओर से बाइनरी पॉवर प्लांट लगाया जाएगा। जिसमें जियो थर्मल एनर्जी से बिजली बनेगी। हाल ही में संस्थान के वैज्ञानिक आइसलैंड से इस तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे हैं।


यह होगी प्रक्रिया
तकनीक के तहत गरम पानी के स्रोत वाली जगह को ड्रिल किया जाता है। जमीन की सतह के भीतर पानी का तापमान 100 से 140 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इसके बाद इसमें ऊपर से 70 से 80 डिग्री सेल्सियस तापमान के पानी को गिराया जाता है। इससे तेज गति से भाप निकलती है। यही भाप टरबाइन पर टकराकर उसे तेजी के साथ घुमाएगी और बिजली बनेगी। इसके लिए पूरी मैकेनिज्म तैयार की जाती है। खास तरीके से टरबाइनों को इंस्टॉल किया जाता है। फिलहाल तपोवन में 20 मेगावाट तक बिजली उत्पादन किया जाएगा। इस तकनीक से प्रदेश भर में 10 हजार मेगावाट तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।


सोलर के साथ हाइब्रिड तकनीक से बढ़ेगा उत्पादन
निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने बताया कि भविष्य में इस प्रोजेक्ट को सोलर के साथ हाइब्रिड तकनीक से जोड़कर उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना है। इससे पावर प्रोजेक्ट के उत्पादन में कई गुना वृद्धि का अनुमान है।

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