Sunday, September 21, 2025
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पूर्व रॉ एजेंट ने कहा- बहाना है सोशल मीडिया बैन भ्रष्टाचार और सुपर पावर देशों के इशारे पर हुआ तख्तापलट

नेपाल में हुए तख्तापलट ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। दिलचस्प बात यह है कि नेपाल की इस राजनीतिक हलचल की घोषणा उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी निवासी लकी कमांडो उर्फ लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने आठ महीने पहले ही कर दी थी। रॉ के पूर्व एजेंट लकी बिष्ट ने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि नेपाल में आने वाले दिनों में सत्ता पलटेगी। अब उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित होने पर उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

आपको कैसे पता था कि नेपाल में तख्तापलट होने वाला है। क्या आप नेपाल गए थे?
एक एजेंट का अपना नेटवर्क होता है जो देशभर में काम करता है। नेटवर्क अपने सोर्सेज के हिसाब से बनते हैं। इतने साल ग्राउंड पर काम करके हमने यही सब सीखा है। हलचल के बारे में कुछ तो पता होगा ही।

नेपाल में तख्तापलट के लिए क्या आप सोशल मीडिया को वजह मानते हो?
बिल्कुल नहीं। सोशल मीडिया तो एक बहाना है। असल में तख्तापलट के तीन कारण हैं। पहला भ्रष्टाचार, दूसरा चीन का दखल और तीसरा सुपर पावर देशों का नेपाल को सपोर्ट।

नेपाल में तख्तापलट के बाद हुए बवाल का अपने देश के सटे इलाकों पर कोई असर पड़ेगा?
नेपाल से स्टे भारत के इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। क्योंकि वहां की जेलों से सैकड़ों कैदी फरार हुए हैं जो आतंकी से लेकर कई बड़े अपराधी हैं। इनकी घुसपैठ को रोकने के लिए हमें सतर्क रहना होगा।

आगे नेपाल में क्या होगा। इसपर कुछ कहना चाहेंगेे?
नेपाल में आगे क्या होगा, इसपर बोला तो बवाल मच जाएगा। अभी सब ठीक हो चुका है। इसलिए कुछ बोलना उचित नहीं है।

इस्राइल में पूरा किया कमांडो प्रशिक्षण
मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट और हाल हल्द्वानी के लकी 2003 में 16 साल की उम्र में विशेष बलों में शामिल हुए। उन्होंने अपने विशेष जासूस और कमांडो प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए इस्राइल में ढाई साल बिताए। इसके बाद देश के चर्चित नेताओं के सुरक्षा अधिकारी रहे। वर्ष 2009 में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड का सर्वश्रेष्ठ कमांडो चुना गया था। लकी कमांडो पर उत्तराखंड के सबसे बड़े गैंगस्टरों के दोहरे हत्याकांड का आरोप लगा था। उन्हें तीन साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया और 11 जेलों में ले जाया गया। सबूतों की कमी के कारण 6 मार्च 2018 को नैनीताल जिला अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।

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