कार्बेट समेत उससे सटे वन प्रभागों में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा है। इसके चलते बाघों के बीच आपसी संघर्ष तो बढ़ा ही, मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले भी तेजी से बढ़े हैँ। जनवरी माह से अब तब बाघों ने अलग-अलग वन प्रभागों में छह घटनाओं को अंजाम दिया है। इसमें रामनगर वन प्रभाग में हुई दो घटनाएं में लोगों की मौत हुई है। कार्बेट व तराई पश्चिमी वन प्रभाग में हुई दो-दो घटनाओं में दो की मौत हुई जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर व उससे सटे वन प्रभागों में बाघ के हमले में पांच माह चार लोगों की मौत हुई है। दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
ये हुई घटनाएं
8 जनवरी- ओखलढूंगा में शांति देवी की मौत।
9 जनवरी- सांवल्दे बीट में प्रेम सिंह बीट वॉचर मौत।
10 जनवरी- को देचौरी रेंज में भुवन चंद्र बेलवाल की मौत।
13 फरवरी- को सांवल्दे बीट में गणेश पवार घायल।
12 अप्रैल- को आमपानी में यशपाल सिंह घायल।
26 मई- आमपानी बीट में विनोद कुमार की मौत।