रुद्रपुर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर में आयोजित 116 वें अखिल भारतीय किसान मेले 2024 का समापन हो गया है। समापन मौके पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने शिरकत की। जहां उन्होंने स्टॉल का निरीक्षण कर खाद्य पदार्थों की जानकारी ली। साथ ही गांधी मैदान में किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से उन्हें एक और क्रांति की उम्मीद है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में तरणताल का उद्घाटन भी किया। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से विश्वविद्यालय समय से किसानों के लिए मेले आयोजित करता आ रहा है, वो काबिले तारीफ है। कृषि विश्वविद्यालय किसानों को एक स्थान पर उच्च गुणवत्ता के बीज, आधुनिक कृषि यंत्र और पेड़ पौधों के साथ उन्हें वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के बारे में जानकारी देता है।उन्होंने कहा कि जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से क्रांति चाहिए, इसके लिए और शोध की आवश्यकता है। हालांकि, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक समय-समय पर तमाम तरह के बीज देशभर में लॉन्च करते रहते हैं।
खेती को लेकर कई समस्याएं। देश में खेती के समक्ष बढ़ती जनसंख्या, सिकुड़ती कृषि भूमि, गिरते भूजल स्तर, मिट्टी की घटती उर्वरता और जलवायु परिवर्तन जैसी कई समस्याएं हैं। जिनका समाधान खोजना वैज्ञानिकों का दायित्व है. उन्हें ऐसे प्रयास करने होंगे,जिससे जनसंख्या, पर्यावरण और जैव-विविधता को कम नुकसान पहुंचे और पोषणयुक्त भोजन भी उपलब्ध हो सके. कृषि का अहम घटक जल सीमित है, इसलिए जरूरी है कि सिंचाई में तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल हो।
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन भी जरूरी। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं और स्थितियों के अनुसार समाधान की तकनीक भी स्थानीय होनी चाहिए। आज हम क्लाइमेट चेंज जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। उत्तराखंड की इकोलॉजी और एनवायरमेंट बहुत ही नाजुक व संवेदनशील है। इसलिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन करते हुए आगे बढ़ना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। किसान मेले में पहुंचे 27.5 हजार किसान, बिके 1.20 करोड़ के बीज। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डाॅ. मनमोहन सिंह चौहान ने विवि की कार्य प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस किसान मेले में 481 स्टॉल लगाए गए। मेले में 1.20 करोड़ रुपए के बीजों की बिक्री हुई है। करीब 13 हजार क्विंटल बीज विक्रय किया गया। जिससे विवि को 52 लाख की आय हुई है।







