Wednesday, November 5, 2025
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ज्ञानवापी अब इस दिन होगी सुनवाई जानें पूरा मामला वादमित्र को हटाने संबंधित रिवीजन अर्जी पर सुनवाई

जिला जज जय प्रकाश तिवारी की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी के पुराने मामले के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने संबंधित रिवीजन अर्जी पर सुनवाई हुई। उधर, एक अन्य आवेदन ट्रांसफर करने के लिए दाखिल पुनः विचार अर्जी पर सुनवाई हुई। दोनों अर्जी पर अगली सुनवाई 22 सितंबर की तिथि नियत की गई है। इसमें वाद मित्र की ओर से आपत्ति दाखिल की गई लेकिन विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अभी आपत्ति दाखिल नहीं की गई। अधिवक्ता अनुष्का तिवारी ने स्थानांतरण आवेदन वर्तमान पुनर्विचार याचिका (रिव्यू) दायर की है क्योंकि वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी द्वारा लगातार स्थानांतरण का विरोध किया गया।

हलफनामे में कई लोग हैं शामिल
जिला जज ने स्थानांतरण संबंधित आवेदन खारिज कर दिया था। आदेश पारित होने के बाद कई नए और महत्वपूर्ण तथ्य और दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें विभिन्न तीर्थस्थलों के महंतों और पुजारियों सहित कई हिंदू भक्तों द्वारा दायर हलफनामे शामिल हैं।यह एक जनप्रतिनिधि वाद है, जिसे स्वर्गीय पंडित सोमनाथ व्यास, प्रो. रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय द्वारा दाखिल किया गया था, जो सिविल जज सीनियर डिवीजन (एफटीसी) न्यायालय में लंबित है। क्योंकि ये मामला प्रमुख है और इसमें जनता की भगवान विश्वेश्वर (विश्वनाथ) के प्रति भावना का प्रतिबिंबित किया गया है। यह सुस्थापित कानून है कि वाद मित्र द्वारा देवता के हित में कार्य नहीं करते हैं जबकि वाद जनप्रतिनिधि वाद हो तब भक्तों को वाद में देवता वादी के हित में हस्तक्षेप करने का अधिकार कानून द्वारा प्राप्त है। दोनों मामले में वादमित्र के ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा है। कोर्ट ने दोनों में अगली सुनवाई के लिए तिथि नियत कर दी है।

मूलवाद में नहीं हो सकी सुनवाई, 16 सितंबर अगली तिथि नियत
जिला जज जय प्रकाश तिवारी की कोर्ट में सोमवार को मूल वाद में पूर्व के वादी स्व. हरिहर पांडेय की तीन बेटियों की ओर से निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तिथि नियत की है। ज्ञानवापी के पुराने मामले में वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय की बेटियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्र, रेनू पांडेय की तरफ से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव की ओर से निगरानी अर्जी दाखिल की गई। अवर कोर्ट में बेटियों की ओर से वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय के स्थान पर वारिसान के रूप में प्रतिस्थापित करने के अर्जी दाखिल की थी। बाद में इस अर्जी को नाटप्रेस कर दिया गया था। इसके बाद बेटियों की ओर से रिकॉल करने के लिए अर्जी दी थी, जिसपर कोर्ट ने रिकॉल प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ रिवीजन अर्जी दाखिल की गई है।

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