पौड़ी जिले की डोभ श्रीकोट निवासी बीरेंद्र भंडारी व सोनी भंडारी की 19 वर्षीय बेटी अंकिता भंडारी अपनी उम्र की अन्य लड़कियों की तरह आशाओं, सपनों और आकांक्षाओं से भरी थीं। रोजगार के साथ ही वह डिग्री हासिल करने का प्रयास कर रही थी।घर के आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण वह नौकरी कर अपनी और अपने परिवार की मदद करना चाहती थी। जिसके लिए उसने अपने दोस्त की मदद से घर से कोसों दूर ऋषिकेश के पास यमकेश्वर विकासखंड के गंगा भोगपुर तल्ला के वनंत्रा रिजॉर्ट में 28 अगस्त, 2022 को बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी शुरू की। अभी उसे नौकरी करते हुए 20 दिन भी पूरे नहीं हो सके थे कि 18 सितंबर, 2022 की रात को वह लापता हो गई। अगले दिन घटना की जानकारी लगने के बाद उसके पिता बीरेंद्र सिंह तीन दिन तक उसकी गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए पौड़ी, मुनिकीरेती और ऋषिकेश के चक्कर काटते रहे। बाद में उन्हें पटवारी चौकी जाने को कहा गया, लेकिन वहां भी राजस्व उपनिरीक्षक न होने के कारण उन्हें कांडाखाल चौकी भेजा गया, लेकिन राजस्व पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की।
मामला तूल पकड़ने पर जिला प्रशासन ने अंकिता की गुमशुदगी के मामले को 22 सितंबर को रेगुलर पुलिस को सौंपा। पुलिस ने उसी रात को तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य एवं उसके दो अन्य साथी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। 24 सितंबर, 2022 को अंकिता भंडारी के शव को चीला नहर से बरामद किया गया।इसके बाद अपर जिला सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) कोटद्वार में कुल 88 तिथियों पर सुनवाई हुई। घटना के 2 साल आठ माह बाद शुक्रवार को कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है। इस मामले की पहली सुनवाई 30 जनवरी, 2023 को शुरू हुई थी। वर्ष 2024 व 2025 में कई तिथियों पर जस्टिस फॉर अंकिता कमेटी से जुड़े लोगों और संगठनों ने राज्य के विभिन्न शहरों और स्थानों से कोटद्वार के सिमलचौड़ में पहुंचकर कोर्ट परिसर के बाहर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शनकारी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए उसके हत्यारोपियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग करते रहे। जस्टिस फॉर अंकिता भंडारी कमेटी के बैनर तले आयोजित इन प्रदर्शनों में कोटद्वार, श्रीनगर, पौड़ी और हल्द्वानी से लोग पहुंचते रहे।