काशीपुर। ग्राम चांदपुर में एक आवासीय कॉलोनी के विकास के दौरान 176 पेड़ों का अनाधिकृत कटाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार के अफसर को तलब किया है। इस मामले की एनजीटी ने सुनवाई सात अप्रैल को तय की है।गांव चांदपुर में एक आवासीय कॉलोनी के विकास के दौरान 176 पेड़ों को अनाधिकृत कटाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई पर बीती 24 फरवरी को सुनवाई हुई थी। इस दौरान न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल बेल की पीठ ने कहा कि इस मामले को लेकर गठित एक संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 176 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है। इसके लिए पर्यावरण मुआवजा की वसूली की जानी है। समिति में जिला मजिस्ट्रेट, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय और यूकेपीसी के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव और अन्य लोगों से जवाब मांगा गया है।
एनजीटी ने इस मामले में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के सदस्य सचिव और राज्य के प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) को पेश होने का आदेश दिया है। इसके लिए एनजीटी ने अगली सुनवाई सात अप्रैल तय की है। साथ ही कहा कि यूकेपीसीबी के सदस्य सचिव व पीसीसीएफ को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित होना होगा।आरटीआई कार्यकर्ता हरदीप सिंह ने एनजीटी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि कुछ कॉलोनाइजर ग्राम चांदपुर में फलदार वृक्षों को काटकर कॉलोनी विकसित कर रहे हैं। इसमें कॉलोनाइजर ने मुख्य उद्यान अधिकारी से 25 लीची और 150 आम पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। जांच के बाद 12 अगस्त 2022 को अनुमति निरस्त कर दी गई। दोबारा अनुमति मांगने पर 150 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई। जब 14 फरवरी 2023 को जांच की गई तब अनुमति से अधिक 197 पेड़ काटने की पुष्टि हुई थी। इस पर वन विभाग ने 88 पेड़ों पर 4,40,000 हजार का जुर्माना लगाया था।