रामनगर। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में थर्टी फस्ट और नये साल के जश्न को लेकर पार्क प्रशासन ने वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा के चलते रेड अलर्ट जारी किया है। इसके लिए वनकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. साथ ही कॉर्बेट पार्क की दक्षिणी सीमा पर लगातार ई-सर्विलांस सिस्टम से भी नजर रखी जा रही है।कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में नये साल और थर्टी फर्स्ट के जश्न को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. गौर हो कि थर्टी फस्ट और न्यू ईयर के जश्न के दौरान शिकारियों और कई कुख्यात गिरोहों के कॉर्बेट पार्क की अतिसंवेदनशील दक्षिणी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र से घुसने की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। उसके साथ ही वन कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.हाथी, ड्रोन,कैमरा ट्रैप और डॉग स्क्वायड से भी इलाकों में गश्त की जा रही है. कॉर्बेट पार्क की दक्षिणी सीमा पर लगातार ई-सर्विलांस सिस्टम से भी नजर रखी जा रही है। पार्क प्रशासन को चिंता इस बात की है कि जश्न के माहौल के बीच शिकारी या तस्कर जंगलों में ना आ धमके. हालांकि, अभी ऐसा कोई खुफिया इनपुट विभाग को नहीं मिला है, लेकिन महकमे ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर तैयारियां कर ली हैं।
जिसको लेकर पार्क की दर्जनों टीमों की ओर से लगातार संवेदनशील स्थलों पर गश्त की जा रही है। जिन क्षेत्रों से अपराधियों के वन क्षेत्र में घुसने की आशंका बनी रहती है, उन क्षेत्रों पर गश्त बढ़ा दी गई है। जिसको लेकर कॉर्बेट पार्क कि संवेदनशील स्थलों पर कॉर्बेट पार्क की गश्तीय टीमें नजर बनाए हैं। साथ ही ड्रोन कैमरों की मदद से भी निगरानी रखी जा रही है। साथ ही टूरिस्ट को भी कोई परेशानी न हो और टूरिस्ट की वजह से वन्यजीवों को भी परेशानी न हो इस तरफ भी ध्यान रखा जा रहा है.कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बटोला ने बताया कि नए साल और थर्टी फस्ट यानी 31 दिसंबर के जश्न के दौरान शिकारियों और कई कुख्यात गिरोहों के कॉर्बेट लैंडस्केप में दाखिल होने की आशंका बनी रहती है। खासतौर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी, झिरना, कालागढ़ क्षेत्र में घुसपैठ की ज्यादा आशंका रहती है, जिसे लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में नववर्ष को लेकर रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जिसको लेकर सभी कर्मचारियों, अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. हाथी और डॉग स्क्वायड से भी गश्त की जा रही है।