Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डअपनों के जिंदा होने की उम्मीद हरियाणा के राम तीरथ कभी नहीं...

अपनों के जिंदा होने की उम्मीद हरियाणा के राम तीरथ कभी नहीं भूल पाएंगे धराली का खौफनाक मंजर

भटवाड़ी सोनीपत हरियाणा के राम तीरथ शायद ही कभी धराली और हर्षिल में आई आपदा के खौफनाक मंजर को भूल पाएंगे। राम तीरथ और उनकी पत्नी बबीता पिछले 24 घंटे से धराली के पास फंसे हुए थे।रामतीरथ और उनकी पत्नी बबीता ने बताया कि सोनीपत हरियाणा से वह यहां घूमने आए थे। मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक चीख पुकार मची और एक मिनट में पूरा बाजार मलबे में दब गया। बाजार से कुछ दूरी पर होने की वजह से उनकी जान तो बच गई, लेकिन उन्होंने जो मंजर देखा उसे वह शायद कभी भूल पाएं। पूरे बाजार को मलबे में दबने के साथ ही 10 साल के पेड़ पर चढ़े बच्चे को अपनी आंखों से मलबे में बहते हुए देखा। मुश्किल से तीन से चार लोग ही रहे होंगे, जिन्होंने भाग कर जान बचाई। घटना के बाद नेटवर्क न होने की वजह से लोगों से संपर्क कट गया था। तीन से चार घंटे रात सड़क पर बिताई।

जंगल के पास वन विभाग का एक कमरा मिला तो कुछ राहत की सांस ली, लेकिन पति-पत्नी पूरी रात सो नहीं पाए। आज सुबह सेना के लोग भी मिल गए थे। आपदा के 24 घंटे बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर भटवाड़ी लाया गया। अभी दोनों पति-पत्नी भटवाड़ी में रुके हुए हैं। जो आज सुबह अपने गांव के लिए निकल जाएंगे। झाला हर्षिल निवासी सुधीर रौतेला के मुताबिक आपदा के बाद से परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सड़क मार्ग और मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से क्षेत्र के लोग अपनों को लेकर चिंतित हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि लापता लोग जिंदा होंगे।धराली और हर्षिल में आपदा के बाद से कई लोग लापता है। कुछ लोग मलबे में दबे हैं। जिन्हें बचाने के लिए उत्तरकाशी से लेकर दिल्ली तक की पूरी मशीनरी जुटी हुई है। आपदा के बाद से हर्षिल में मौजूद सेना की कंपनी आपदा के बाद से ही राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments