Sunday, September 21, 2025
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बरसात की जानलेवा बीमारियों से ऐसे बचें

बारिश का मौसम यानी मच्छरों की पार्टी और लोगों के बीमार होने का मौसम. सभी जानते हैं कि बारिश का मौसम आते ही मच्छरों और कीड़ों की तादाद में बढ़ोतरी हो जाती है. और ऐसा होना हर साल हजारों लाखों लोगों के स्वास्थ्य व जान पर भारी पड़ जाता है. क्योंकि मच्छरों की तादाद बढ़ने से उनके काटने या उनके कारण फैलने वाले गंभीर रोगों व संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है. हालांकि जानकार कहते हैं कि मच्छरों के कारण होने वाले इन खतरनाक रोगों से काफी हद तक बचाव संभव है अगर सुरक्षा उपाय, स्वच्छता,सावधानी और सतर्कता का सही तरह से पालन किया जाए। लंबे समय तक नजर आ सकते हैं प्रभाव दिल्ली के लाइफ अस्पताल के चिकित्सक डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि हर साल बरसात में मच्छरों जनित रोगों के कारण देश में हजारों लोगों को गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव झेलने पड़ते हैं. यहां तक कि कुछ मच्छर जनित रोगों के गंभीर प्रभावों में जान जाने का जोखिम भी शामिल होता है. यही नहीं कुछ मच्छर जनित रोग ऐसे भी होते हैं जिनसे ठीक होने के बाद भी लोगों के स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द तथा कई अन्य समस्याओं के रूप में देखने में आते हैं. डॉ कुरैशी के अनुसार मच्छरों के काटने से होने वाले कुछ विशेष रोग, उनके कारण तथा लक्षण इस प्रकार हैं.

डेंगू बुखार
डेंगू बुखार, डेंगू वायरस द्वारा प्रसारित होती है, जो एडिस मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। डेंगू बिना लक्षण वाले संक्रमण या हल्की बीमारी से लेकर गंभीर रक्तस्रावी बुखार तथा डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसे लक्षण व प्रभाव दे सकता है। जो कभी-कभी जानलेवा अवस्था का कारण भी बन सकता है।
अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते आदि।
मलेरिया मलेरिया भी एक जानलेवा मच्छर जनित बीमारी है जो प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होती है और संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से मनुष्यों को संक्रमित करती है. मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के प्रभाव में आने के 10 से 4 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।
तेज बुखार, कंपकंपी, पसीना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, मतली, उल्टी, आदि।

चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो चिकनगुनिया वायरस के कारण होती हैं तथा संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. यह बीमारी काफी हद तक डेंगू बुखार जैसी ही होती है लेकिन इसमें जान का जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है.

तेज बुखार, गंभीर जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, मतली, थकान, त्वचा पर चकत्ते.
जीका वायरस। हाल ही में देश में जीका वायरस के बढ़ते मामलों के संबंध में काफी समाचार सामने आ रहे हैं। जीका वायरस भी एक मच्छर जनित संक्रमण ही है जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो अधिकतर दिन में काटते हैं. यह काफी हद तक डेंगू बुखार या पीला बुखार जैसा ही होता है. लेकिन इसे गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष तौर पर खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके प्रभाव में आने वाली गर्भवती महिलाओं के शिशुओं में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियां पैदा हो सकती हैं, साथ ही इसके प्रभाव के चलते समय से पहले जन्म और गर्भपात भी हो सकता है। इसके अलावा जीका वायरस संक्रमण के कारण वयस्कों और बच्चों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस का जोखिम भी बढ़ सकता है. हल्का बुखार, चकत्ते, आंखों में लाली, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, आदि।

मच्छरों के काटने से बचाव के उपाय
मच्छर जनित इन रोगों से बचाव के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना काफी लाभकारी हो सकता है। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
यदि संभव हो तो हमेशा अन्यथा सुबह व शाम घर से निकलते समय या घर में भी पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। इसके अलावा हल्के रंग के कपड़े पहनें क्योंकि मच्छर गहरे रंग की ओर अधिक आकर्षित होते हैं।
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, विशेषकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए।
घर व दफ्तर में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, कॉइल और रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
घर से बाहर निकलते समय , और यदि घर में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा हो तो घर के अंदर भी त्वचा पर मच्छर भगाने वाले क्रीम या स्प्रे लगाएं।
साफ-सफाई बनाए रखें तथा घर के आसपास पानी जमा न होने दें. क्योंकि मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं। नियमित रूप से कूलर, फूलदान और पानी की टंकी को साफ करें।
अपने घर और आसपास के क्षेत्र की नियमित रूप से जांच करें और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करें।

रोगों के लक्षणों की पहचान और देखभाल
डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि ऐसे स्थान पर रहने वाले व्यक्तियों जहां मच्छर बहुत ज्यादा हो या कोई मच्छर जनित रोग फैला हो या फिर सामान्य अवस्था में भी किसी व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी या त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण नजर आ रहे हों तो उन्हे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर चिकित्सा उपचार से इन रोगों के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।

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