दहेज के लिए महिला की हत्या करने के मामले में न्यायालय ने महिला के पति और सास को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषियों को न्यायालय परिसर से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में कोर्ट ने ससुर को दोषमुक्त भी किया है। जानकारी के अनुसार रायपुर थाने को धूपा देवी निवासी गांव पोखरी, पोस्ट भसाण गांव, पट्टी सितोन, पौड़ी गढ़वाल ने 18 अगस्त 2020 को शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी ज्योति की 17 नवंबर 2018 को गढ़वाली कॉलोनी निवासी सूरज सिंह से शादी हुई थी। शादी के बाद से ही ज्योति को सूरज के परिवार वाले दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। लगातार उससे पैसों की मांग की जाती थी।
17 अगस्त 2020 को उनकी बेटी ने अपने भाई को फोन किया था कि उसका पति स्कूटर खरीद रहा है। इसके लिए 50 हजार रुपये मांगे हैं। ज्योति ने यह रुपये लेकर देहरादून आने के लिए कहा था।कुछ देर बाद फोन आया कि ज्योति छत से गिर गई है। ससुराल वाले उसे अस्पताल ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस आधार पर पुलिस ने सूरज, उसकी मां श्यामा देवी और पिता बीरबल के खिलाफ दहेज हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था। नवंबर 2020 में तीनों के खिलाफ चार्जशीट भी पुलिस ने भेजी। न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद सूरज और उसकी मां श्यामा देवी को दोषी पाया। इसके बाद उन्हें बुधवार को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि, सूरज के पिता बीरबल को साक्ष्यों अभाव में बरी कर दिया गया।