चौखुटिया/हल्द्वानी | उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण को लेकर दशकों से जारी सरकारी उपेक्षा और सत्ता के “बहरेपन” के आरोपों के बाद अब आंदोलन निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति ने 25 दिसंबर 2025 को बड़े ‘गैरसैंण आक्रोश’ का ऐलान किया है, जिसमें सरकार और प्रशासन के खिलाफ़ खुला प्रहार किया जाएगा।इस ऐतिहासिक आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं पूर्व IAS अधिकारी विनोद प्रसाद रतूड़ी, जिनका गैरसैंण के लिए संघर्ष सेवाकाल से ही शुरू हो गया था। अधिकारी रहते हुए उन्होंने गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के समर्थन में RTI दाख़िल कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया, जिसकी कीमत उन्हें 48 से अधिक बार तबादलों के रूप में चुकानी पड़ी। इसे उनके साहस और प्रतिबद्धता का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।सेवानिवृत्ति के बाद भी रतूड़ी शांत नहीं बैठे। उन्होंने संवैधानिक दायरे में तीन बड़े आंदोलन किए, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई। अब समिति ने साफ कर दिया है कि शांत प्रतीक्षा का दौर खत्म हो चुका है।पूर्व IAS विनोद प्रसाद रतूड़ी का कड़ा बयान:“हमने कलम, RTI और शांतिपूर्ण आंदोलनों से लेकर हर लोकतांत्रिक रास्ता अपनाया। लेकिन जब सत्ता का अहंकार नहीं टूटा, तो अब 25 दिसंबर को काले झंडे तैयार हैं। यह लड़ाई अब सिर्फ़ सड़कों पर नहीं, बल्कि माननीय उच्च न्यायालय में भी लड़ी जाएगी।”
25 दिसंबर: ‘काला दिवस’
चौखुटिया में निर्णायक रैलीसमिति के अनुसार, 25 दिसंबर 2025 को दोपहर 1 बजे चौखुटिया में अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक रैली आयोजित की जाएगी।आंदोलन की प्रमुख रूपरेखा:भ्रष्ट और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों व नेताओं के खिलाफ़ काले झंडों का प्रदर्शनपुतला दहन और प्रतीकात्मक विरोधसरकार को जवाबदेह बनाने के लिए न्यायिक लड़ाई की शुरुआतकेंद्रीय व राज्य मंत्रियों तथा सांसदों से सीधा संवाद (Face-to-Face जवाबदेही)समिति ने उत्तराखंड के सभी निवासियों और प्रवासियों से अपील की है कि वे मां रामगंगा के घाट पर पहुंचकर आंदोलन को ऐतिहासिक बनाएं। ऑपरेशन स्वास्थ्य और विशेषज्ञों का समर्थनइस आंदोलन को ‘ऑपरेशन स्वस्थ’ की टीम का भी खुला समर्थन मिला है।चार्टर्ड अकाउंटेंट वरुण चंदोला ने गैरसैंण को वास्तविक राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए सर्विस सेक्टर हब स्थापित करने की पहल की है। उन्होंने गैरसैंण में कार्यालय खोलकर काम शुरू कर दिया है और उड़ान योजना के तहत गोचर से गैरसैंण तक हेली सेवा शुरू करने की मांग भी रखी है।







