काशीपुर में सर्दियों का मौसम अस्थमा रोगियों के लिए चुनौती भरा समय होता है। ठंडी और शुष्क हवाएं सांस की नलियों को संकुचित कर देती हैं और सांस लेने में कठिनाई बढ़ जाती है। सर्दियों के मौसम में अस्थमा के मामले बढ़ जाते हैं। इन दिनों ठंडी हवा में सांस लेने के दौरान सांस की नली थोड़ी संकीर्ण हो जाती है। वहीं ठंड के दिनों में बंद कमरे में रहने और हीटर के इस्तेमाल से हवा शुष्क हो जाती है। ऐसे में अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है।अस्थमा दीर्घकालिक रोग है जो आसानी से ठीक नहीं होता। एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय के डॉ. अमरजीत साहनी और सरकारी अस्पताल के पूर्व डाट्स प्रभारी डॉ. राजीव गुप्ता बताते हैं कि शुष्क और सर्द हवा श्वास नलियों में संक्रमण पैदा करती है। ऐसे में अगर हवाओं में प्रदूषण तत्व घुले हो तो अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है।प्रतिदिन 10-12 लोग इस समस्या की शिकायत लेकर आ रहे हैं। बताया कि बीते कई वर्षों में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही अस्थमा के रोगी भी बढ़े हैं। सर्दियों में सांस फूलने को सामान्य नहीं लेना चाहिए, वहीं खांसी लगातार बनी रहे तो सतर्क हो जाना चाहिए। वहीं, अस्थमा के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग होते हैं।
धूल, धुएं से रहें दूर
डॉ. गुप्ता ने बताया कि जहां तक हो इस रोग से पीड़ित को धूल, धुएं और प्रदूषण से दूर रहना चाहिए। बिस्तर और तकिए साफ-सुथरा होना चाहिए। अस्थमा मरीज को घर के बना पौष्टिक व गरम भोजन करना चाहिए। ऐसे किसी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें जिससे बलगम बढ़े। घर से बाहर जाते वक्त इनहेलर अपने पास रखें।







