श्रीनगर। पौड़ी जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में गढ़वाल वन प्रभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पौड़ी जनपद में तीन नए ट्रैक का निर्माण किया है। जिससे जिले के पर्यटन को पंख लगेंगे। साथ ही पर्यटन इन रूटों पर प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य और हिमालय की हिमाच्छादित पर्वत मालाओं का लुत्फ उठा सकेंगे। वहीं तीन नए ट्रैकों का काम लगभग पूरा हो चुका है।
सैलानी प्रकृति का करेंगे दीदार। पौड़ी डीएफओ अनिरूद्ध स्वप्निल ने बताया कि जनपद में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। जिसको लेकर विगत वर्ष जिला योजना के तहत तीन ट्रैक रूटों को चयनित किया गया था। इन रूट में बुआ खाल से झंडी धार होते हुए टेका (तीन किलोमीटर), बुआ खाल से उलखागढ़ी मंदिर (दो किलोमीटर) और आदवाणी से रानीगढ़ (ढाई किलोमीटर) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैकों पर बेंच बनाए जाएंगे, साथ ही बरसात के सीजन में रुकने के लिए टिन शेड बनाए जाएंगे। कहा कि सैलानियों के लिए रूट तैयार कर दिए हैं, जहां वो ट्रैंकिग का जमकर लुत्फ उठा सकते हैं।
जनपद में इको-टूरिज्म को लगेंगे पंखा। पौड़ी डीएफओ ने कहा कि गढ़वाल वन प्रभाग ने इन नए ट्रैक रूट को तैयार किया है। जल्द नए ट्रैक रूट का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। साथ ही इसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पैठानी क्षेत्र में ताराकुंड ट्रैक को अगले साल विकसित किया जाएगा। साथ ही पर्यटकों के हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
जानें क्यों खास है ये ट्रैक। एक ही दिन में पर्यटक इन ट्रैक रूटों का आसानी से पूरा कर सकते हैं। वहीं सैलानियों के आने से इन ट्रैक रूटों पर स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सैलानियों को इन तीनों ट्रैक का दीदार करने के लिए बदरीनाथ हाईवे से पहले श्रीनगर गढ़वाल आना होगा। साथ ही श्रीनगर से 34 किमी दूर पौड़ी और फिर 5 किमी दूर बुआखाल से ये ट्रैक शुरू होंगे।