बदायूं के वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव लहरा-लाडपुर निवासी सोनम उर्फ सोनी (15 वर्ष) की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसी के पिता इकरार ने हंसिया से वार कर की थी। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में पता लगा है कि 19 दिसंबर की रात को पिता ने सोनम की हत्या की और शव को चुपचाप सरसों के खेत में फेंककर चला आया। यही वजह रही कि पुलिस को भी शिकायती पत्र नहीं दिया गया। 29 दिसंबर को सोनम का शव सरसों के खेत में मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला रेतकर हत्या होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद से मृतका के पिता इकरार को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। आरोपी ने पुलिस को सच बता दिया। उसने कहा कि बेटी अपने प्रेमी संग बार-बार भाग जा रही थी। बेटी की हरकत की वजह से उसकी समाज में बदनामी हो रही थी। इसी वजह से उसकी हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी पिता की निशानदेही पर आलाकत्ल हंसिया बरामद कर लिया। पुलिस ने बुधवार को पूरे मामले का खुलासा किया। इसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
यह था पूरा घटनाक्रम
गांव लहरा-लाडपुर निवासी इकरार की 15 साल की बेटी सोनम उर्फ सोनी का शव सोमवार की सुबह सरसों के खेत में मिला था। तब इकरार ने बताया था कि 19 दिसंबर रात सोनम अपने परिजनों के साथ घर में सो रही थी। रात में किसी समय वह कहीं चली गई। परिवार के लोगों को जब इसकी भनक लगी तो उसकी तलाश शुरू की। लेकिन, उसका कोई सुराग नहीं लग सका। परिवार के लोगों ने न तो मोहल्ले के लोगों को इस बात को बताया और न ही पुलिस को कोई सूचना दी थी। सोमवार को सरसों के खेत में किशोरी का क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद परिवार के साथ-साथ गांव के तमाम लोग मौके पर पहुंच गए। परिवार के लोग पुलिस को गुमराह करते रहे। लेकिन, पुलिस घटनास्थल की जांच पड़ताल करने के बाद से ही परिवार के लोगों पर हत्या करने का शक जता रही थी। परिजन किशोरी के भाग जाने की बात कहकर भ्रमित कर रहे थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या गला रेतकर होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस का शक उसके अपनों पर गहरा गया। पुलिस ने किशोरी के पिता समेत तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी इकरार ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने हंसिया से बेटी का गला काटा था। फिर रात में उसका शव सरसों के खेत में फेंक गया। दस दिन तक शव खेत में पड़ा रहा। जंगली जानवरों ने मांस नोच खाया था।







