बागेश्वर। जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। बागेश्वर के कांडा क्षेत्र में सबसे अधिक 73.00 mm बारिश दर्ज की गई गई है। वहीं तेज बारिश के बीच कांडा क्षेत्र में एक मकान पर पूरा बोल्डर भरभरा कर गिर गया। इससे मकान क्षत्रिग्रस्त हो गया है। बागेश्वर ताकुला NH में पेड़ गिरने से यात्रायात बाधित हो गया। साथ ही अन्य सड़कों में भी पेड़ गिरने और मलबा आने की घटनाएं हुई हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कांडा में बोल्डर गिरने से घर का एक हिस्सा ढह गया है. घर के आगे के हिस्से में स्थित एक रेस्टोरेंट भी उसकी चपेट में आकर ध्वस्त हो गया. मकान और रेस्टोरेंट स्वामी मोहन कांडपाल ने बताया कि हादसा रात में हुआ। दिन के समय हुआ होता, तो यहां हर वक्त 20 से 25 लोगों की मौजूदगी रहती है. इससे बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश से 16 से अधिक सड़कें बाधित हो गई हैं। करीब 15 से अधिक मकान आंशिक और ज्यादा क्षत्रिग्रस्त हो गए हैं. जगह जगह घरों में मलबा भी घुस गया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों तक आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
जिले के हिमालयी गांवों में रुक रुककर हो रही वर्षा से जन जीवन पर असर पड़ने लगा है। सड़क, बिजली, पानी, रास्ते, संचार व्यवस्था पटरी से उतरने लगे हैं। आपदाग्रस्त गांवों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इसके कारण लोगों के खेत-खलिहान और मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। इसके अलावा अत्यधिक बारिश वाले गांवों में रास्ते बंद होने के कारण जरूरी सामान की सप्लाई में दिक्कतें आ गई हैं। जिला प्रशासन बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं। सड़कों को लगातार खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन रास्तों की मरम्मत के लिए बरसात बंद होने का इंतजार करना होगा। इस बार उत्तराखंड में मानसून पूरे एक हफ्ते देर से आया. इसके बावजूद 29 जुलाई से शुरू हुई मानसूनी बारिश जमकर हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में सामान्य से 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बारिश हो चुकी है। सबसे अधिक बारिश कुमाऊं मंडल में स्थित बागेश्वर जिले में हुई है. यहां एक हफ्ते में ही 271.5 एमएम बारिश हो चुकी है। ये सामान्य से 453 फीसदी अधिक बारिश है।