नैनीताल जिले में महिला हिंसा के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हल्द्वानी वन स्टॉप सेंटर में पिछले जून 2024 से मार्च 2025 तक कुल 192 केस दर्ज किए गए थे लेकिन मार्च से नवंबर तक के आंकड़े चौकाने वाले हैं। इस अवधि में 214 मामले सामने आए हैं। इसमें सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा के हैं। वन स्टॉप सेंटर की नोडल नीलम नाथ के अनुसार बीते आठ माह में घरेलू हिंसा की 138 शिकायतें सामने आई हैं। इसके अलावा शारीरिक शोषण के पांच, बाल यौन शोषण के दो, अपहरण के दो और अन्य अपराध के 67 केस दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग की मदद से 161 मामलों को निस्तारित कर दिया है।
केस 1
पीलीकोठी निवासी 75 साल की वृद्धा को उसके बेटे और बहू प्रताड़ित करते थे। खर्चा मांगने पर अपमानित किया जाता था। उसे पीटा भी जाता था। कुछ महीने पहले उसे घर से निकाल दिया। अब वह अपनी बेटी के घर में रहने के लिए मजबूर है। महिला हिंसा के तहत बेटे-बहू पर केस दर्ज किया है।
केस 2
प्रेमपुर निवासी एक महिला को उसका पति अपने माता-पिता के साथ मिलकर दहेज के लिए परेशान करता था। उससे लक्जरी कार और अन्य चीजों की मांग की जाती थी। कुछ समय पहले महिला और बच्चों को घर से निकाल दिया। अब वह मायके में रह रही है। ससुरालियों पर केस दर्ज है।
केस 3
तीनताश निवासी महिला को पति शराब पीकर पीटता था। घर चलाने के लिए खर्चा भी नहीं देता था। पैसे मांगने पर गालीगलौज करता था। दो महीने से महिला बच्चों के साथ अपने मायके में रह रही है। महिला हिंसा के तहत पति के ऊपर केस चल रहा है।सेंटर में आने वाले पीड़ितों की समस्याओं को पहले काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है। यदि काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण नहीं हो पाता तो महिलाओं को कानूनी सहायता दी जाती है। – नीलम नाथ , नोडल वन स्टाॅप सेंटर हल्द्वानी
बीते आठ महीने में वन स्टॉप सेंटर में आ चुके हैं 138 मामले घरेलू हिंसा की आग से झुलस रहे रिश्ते
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