देहरादून, 28 नवंबर 2024 – जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में जनपद के सभी उप जिला चिकित्सालयों की प्रबंधन समिति की बैठक में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में डीएम ने सरकारी चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों को केवल रेफरल सेंटर बनाकर जनता के साथ मजाक न किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी लोग निजी अस्पतालों का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को जनमानस के लिए सुलभ और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है।
अनावश्यक रेफरल पर रोक लगाने के निर्देश
डीएम ने कहा कि जब सरकारी चिकित्सालयों में पर्याप्त चिकित्सक और संसाधन उपलब्ध हैं, तो अनावश्यक रूप से मरीजों को रेफर करने की प्रवृत्ति को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक की आईपीडी, सर्जरी, संस्थागत प्रसव और रेफरल का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
विकासनगर और प्रेमनगर चिकित्सालयों को संसाधन आवंटित
विकासनगर चिकित्सालय के ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत और सेवा हेतु धनराशि मौके पर ही स्वीकृत की गई। साथ ही प्रेमनगर चिकित्सालय में 20 बेड के बच्चों के आईसीयू को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मानव संसाधन, विद्युत कनेक्शन और अन्य जरूरी संसाधनों को मंजूरी दी गई।
मसूरी चिकित्सालय में डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर कार्रवाई
मसूरी चिकित्सालय में रात्रि के समय गायनी विशेषज्ञ की अनुपस्थिति की शिकायत पर डीएम ने एक जांच समिति का गठन करते हुए अप्रैल से अब तक हुए संस्थागत प्रसव और रेफरल की रिपोर्ट तलब की। उन्होंने ईएनटी विशेषज्ञ की ड्यूटी में सुधार करते हुए सप्ताह में तीन दिन मसूरी में उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आईपीडी और सर्जरी में कमी पर सवाल
डीएम ने प्रेमनगर चिकित्सालय में आईपीडी के कम होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी पूछा कि जब अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सकीय स्टाफ और संसाधन हैं, तो सर्जरी की संख्या में गिरावट क्यों हो रही है। इसके लिए प्रतिमाह और प्रतिदिन होने वाली सर्जरी का ब्योरा प्रस्तुत करने को कहा गया।
अनुबंधित पैथोलॉजी सेंटर 24×7 उपलब्ध होंगे
डीएम ने सभी अस्पतालों में अनुबंधित पैथोलॉजी केंद्रों के प्रतिनिधियों की 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को यह सुनिश्चित करने को कहा कि मरीजों को सैंपल संग्रह में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
औचक निरीक्षण का आदेश
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह को सभी चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करने और आवश्यक सुधारों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया।
उपस्थिति
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, और संबंधित चिकित्सालयों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
डीएम ने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में सेवा का विस्तार केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक पुनीत कार्य है। उन्होंने सभी अस्पतालों से जनहित में अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाने का आह्वान किया।