वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न परीक्षाओं में आने वाले प्रश्नपत्रों में गुणवत्ता संवर्द्धन करने के लिए खास पहल की गई है। इसके तहत संबंधित विषयों के शिक्षक एवं परीक्षा दे चुके छात्र प्रश्नपत्रों में बदलाव के लिए सुझाव दे सकेंगे। अच्छे सुझावों पर विवि आने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव करेगा। अक्सर परीक्षा के बाद छात्र और शिक्षक प्रश्नपत्रों को लेकर तरह-तरह की टिप्पणी करते हैं। ऐसे में संबंधित विषयों के शिक्षक एवं उन विषयों की परीक्षा दे चुके छात्र क्या सोचते हैं,
यह जानने के लिए विवि ने संस्थानों को एक पत्र जारी किया है। इसमें छात्र और शिक्षकों से राय मांगी गई है कि वे प्रश्नपत्र में किस तरह का बदलाव चाहते हैं। ताकि प्रश्नपत्र की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। परीक्षा नियंत्रक डॉ. वीके पटेल ने बताया कि कई बार शिक्षकों की शिकायतें रहती है कि प्रश्नपत्र में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या कम या अधिक थी। परीक्षा के समय के हिसाब से दीर्घ प्रश्नों की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है। इन सभी को संबंधित विषय के शिक्षक और परीक्षा दे चुके छात्र ही बेहतर समझ सकते हैं। इसके लिए 6 सितंबर तक मिलने वाले सुझावों को संस्थान निदेशक के स्तर से संकलित कर विवि को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
फीडबैक पर शामिल किए गए केस स्टडी से जुड़े प्रश्न
परीक्षा नियंत्रक डॉ. वीके पटेल ने बताया कि पिछले साल इसके लिए वर्कशॉप कराई थी। इसमें एमबीए के शिक्षकों ने केस स्टडी पर जोर दिया था। इस पर प्रश्नपत्र में केस स्टडी संबंधी प्रश्नों को शामिल किया गया।
विवि के पोर्टल पर छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे संस्थान
विवि का नया शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद संस्थानों में कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक संस्थानों की ओर से विवि के यूएमएस पोर्टल पर छात्रों की नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही है। इसे लेकर विवि प्रशासन ने नाराजगी व्यक्त की है। इससे छात्रों की उपस्थिति कम होने के कारण परीक्षा से वंचित रहना पड़ सकता है। पिछले सत्र में कई छात्रों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा था। विवि प्रशासन ने संस्थानों को पत्र भेजकर नियमित रूप से छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।