Wednesday, September 24, 2025
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मेहनत की जगह शॉर्टकट अपनाया सलाखों के पीछे प्रश्नपत्र के फोटो खींचे शौचालय में जाकर बहन को भेजे

यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र को हल करने के लिए खालिद ने मेहनत की जगह शॉर्टकर्ट अपनाया और अपने जाल में न खुद फंसा बल्कि बहन को भी सलाखों के पीछे पहुंचवा दिया। हरिद्वार सीआईयू कार्यालय में चली पूछताछ में उसने पूरे घटनाक्रम को बताया।पता चला कि परीक्षा वाले दिन खालिद मुख्य गेट पर चेकिंग से बचने के लिए पीछे खेतों की तरफ बने छोटे दरवाजे से जुराब में आईफोन 12 मिनी मोबाइल लेकर अंदर पहुंचा। कक्ष में पेपर के तीन पन्नों में 12 प्रश्नों फोटो खींचने में सफल हो गया और उसने जैमर की रेंज से बच रहे शौचालय में जाकर फोटो घर वाले मोबाइल पर भेजे। जहां से उसकी बहन ने आगे प्रोफेसर को भेजे और फिर मामला यहां से खुल गया।

सीपीडब्ल्यूडी में संविदा के तौर पर जेई रह चुके खालिद मलिक निवासी आदमपुर सुल्तानपुर कोतवाली लक्सर की जान पहचान टिहरी गढ़वाल के अमरोडा डिग्री कॉलेज में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन से थी। 2018 में ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर रही सुमन से उसका परिचय हुआ था। पुलिस सूत्रों अनुसार, पूछताछ में खालिद मलिक ने उगला कि उसने तैयारी के दौरान प्रोफेसर सुमन से बात कर कहा था कि उसकी बहन यूकेएसएसएससी की परीक्षा देगी। उसकी कुछ मदद कर देना। उसने ये बात नहीं बताई कि वह खुद परीक्षा दे रहा है।

जुराब से फोन निकालकर प्रश्न पत्र के फोटो खींच लिए
रविवार को जब परीक्षा केंद्र बहादरपुर जट स्थित बाल सदन इंटर कॉलेज पहुंचा तो मेन गेट पर बारीकी से चेकिंग चल रही थी। तब उसने आसपास से अंदर जाने का रास्ता देखा और पीछे खेतों की तरफ से एक छोटा गेट दिखाई दिया। ये गेट मोबाइल लेकर अंदर पहुंचने में उसके लिए मददगार साबित हुआ। सूत्र बताते हैं कि चेकिंग से बचकर सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर खालिद छोटे गेट से अंदर पहुंचने के बाद कक्ष में गया और उसने जुराब से फोन निकालकर प्रश्न पत्र के फोटो खींच लिए। तीन के पत्र पर 12 प्रश्नों के फोटो खींचने में सफल हो गया। फिर जैमर की रेंज से बच रहे शौचालय में पहुंचकर घर वाले मोबाइल फोन के व्हाट्सएप पर प्रश्न पत्र के फोटो भेज दिए। जहां से उसकी बहन साबिया ने आगे फोटो सुमन के फोन पर भेज दिए।

आउटसोर्स से डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर लगा था
हाल ही में एक अगस्त को खालिद ने आईआईपी मोहकमपुर में आउटसोर्स के जरिये डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी पाई थी। इससे पहले वह देहरादून में ही सीपीडब्ल्यूडी में संविदा के तौर पर अवर अभियंता रहा है। करीब दो साल पहले ही उसकी सेवा खत्म कर दी गई थी। वह लगातार प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहा था।

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