इस्राइल और ईरान के संघर्ष के बीच पंड्रावल रियासत ने ईरान में अपना फलों और ड्राइफ्रूट्स का कारोबार समेट लिया है। करीब 8 महीने पहले इस्राइल के गाजा पट्टी पर हमले के साथ ही ईरान में रह रहे भारतीय कारोबारियों को अंदाजा हो गया था कि यह जंग यहां तक फैल सकती है। तभी से उन्होंने भारत वापस आना शुरू कर दिया था। अलीगढ़ में मेडिकल रोड पर रह रहे पंड्रावल रियासत के नवाब असद दो महीने पहले तक ईरान में थे।
नवाब असद ने बताया कि उनके परिवार का ईरान के साथ कारोबार है। दिल्ली और मुंबई में रह रहे उनके भतीजे ईरान के सेब और ड्राईफ्रूट्स का आयात करके उसे भारत के विभिन्न हिस्सों में आपूर्ति करते हैं। लेकिन पिछले छह महीने से कारोबार बंद है। नवाब असद कहते हैं कि भारत में सेब होता है लेकिन सीमित मात्रा में। सेव ठंडी जगह पर होता है। ईरान ठंडा मुल्क है, वहां पर सेब की अच्छी फसल होती है। इसके अलावा ईरान में भदोही के कालीन की अच्छी मांग है। उनके बड़े भाई ईरान में हुई एक प्रदर्शनी में भदोही के कालीन प्रदर्शनी के लिए लेकर गए थे। अलीगढ़ से आर्टवेयर निर्यात होता है। अब सब कुछ बंद है।
छह महीने में 43 हजार भारतीय वापस आ चुके
ईरान में करीब 50 हजार भारतीय थे। इनमें 10 हजार सिख समुदाय के कारोबारी, 15 हजार छात्र और अन्य नौकरीपेशा व रिहाइश वाले थे। इनमें से करीब 43 हजार लोग भारत आ चुके हैं। असद नवाब कहते हैं कि उनके मित्र और रिश्तेदार ईरान में रहते हैं। वह अक्सर ईरान आते-जाते रहते हैं। वह कहते हैं कि करीब आठ महीने पहले इस्राइल के फलस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र गाजा पट्टी पर हमला बोला था। इसके बाद से ही कारोबारी हालात भी प्रभावित होने शुरू हो गए थे।