एम्स में छह दिवसीय डायबिटीज एजुकेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हो गया है। जिसमें विशेषज्ञों ने प्रतिभागी स्वास्थ्य कर्मियों और नर्सेस को डायबिटीज (मधुमेह) की रोकथाम के गुर सिखाए। कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ मधुमेह से पीड़ित मरीजों की देखरेख और बीमारी के नियंत्रण में मिलेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि मधुमेह से ग्रसित मरीजों को भी जागरूक होना जरूरी है।
सोमवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन व कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। जिसका उद्घाटन डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके मित्तल ने किया। प्रो. जया चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व में मधुमेह से ग्रसित मरीजों में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान चिंताजनक विषय है। इसलिए मधुमेह पर नियमित दवा और नर्सेस की ओर से मरीजों को दी जाने वाली हिदायतों से बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके मित्तल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से नर्सेस को बेहतर प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जा सकता है।
जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ प्रो. रविकांत ने छह दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की विस्तृत जानकारी दी। प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. स्मृति अरोड़ा ने मधुमेह से प्रभावित होने के कारकों पर व्याख्यान दिया। नर्सिंग फैकल्टी डॉ. राकेश शर्मा ने मधुमेह रोगियों को ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करने की विस्तृत जानकारी दी। ट्रेनिंग प्रोग्राम में राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, कलकत्ता आदि की नर्सेस व डायटीशियन प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर दीपिका चौहान, पंकज पुनजोत, प्रो. सुरेखा किशोर, डॉ. एैश्वर्या, मनीष शर्मा, डॉ. प्रसूना जेली, डॉ. राजेश कुमार, राखी मिश्रा आदि मौजूद रहे।