देहरादून एयरपोर्ट के विस्तार को कुल 140.5 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें सिविल क्षेत्र से कुछ भूमि एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है। जबकि कुछ जमीन की प्रक्रिया जारी है। लेकिन इसमें रनवे विस्तार को करीब 83 एकड़ जमीन की बात आगे नहीं बढ़ पाई है।कैट वन लाइट और बेसिक स्ट्रिप के लिए जौलीग्रांट अठूरवाला के लोगों की जमीनें अधिग्रहण की जा रही हैं। लेकिन रनवे के लिए थानो वन रेंज की भूमि एयरपोर्ट को नहीं मिल पाई है। हालांकि एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिलने पर मौजूदा संसाधनों के साथ ही पड़ोसी देशों की छोटी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें को यहां शुरू किया जा सकता है।
यूकाडा के एडिशनल सीईओ दयानंद सरस्वती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट को जौलीग्रांट में उतारने के लिए काठमांडू की फ्लाइट के टेंडर जारी कर दिए गए हैं।एयरपोर्ट समिति अध्यक्ष और सांसद त्रिवेंद्र सिंह ने सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि उनके सीएम कार्यकाल के दौरान एयरपोर्ट को वन भूमि दिए जाने की बाधाओं को दूर कर दिया गया था। लेकिन कुछ लोगों के कोर्ट चले जाने से इस पर रोक लग गई थी। त्रिवेंद्र ने बैठक में मौजूद वन अधिकारियों से जब इसका अपडेट पूछा तो वो संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पाए। त्रिवेंद्र ने कहा कि एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। संवाद
एयरपोर्ट का यह है मास्टर प्लान
एयरपोर्ट के पास कुल भूमि 326.42 एकड़ है। जिसमें से 310.32 एकड़ भूमि को एयरपोर्ट इस्तेमाल कर रहा है। नए मास्टर प्लान के अनुसार 6.5 एकड़ कैट वन लाइट और 51 एकड़ बेसिक स्ट्रिप के लिए अधिग्रहण की जा रही है। जबकि 83 एकड़ जमीन रनवे विस्तार के लिए ली जानी प्रस्तावित है। वहीं मास्टर प्लान में एयरपोर्ट को एप्रोच रोड भी जरूरत है। एयरपोर्ट पर छोटी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए रनवे काफी है। बड़े उड़ानों के लिए रनवे का विस्तार किया जाना है। जिसके लिए जमीन चाहिए। अंतरराष्ट्रीय का दर्जा मिलने पर मौजूदा टर्मिनल में ही कस्टम, इमिग्रेशन और दूसरी सुविधाएं जुटाकर अंतरराष्ट्रीय छोटी उड़ानें शुरू की जा सकती हैं। – प्रभाकर मिश्रा, एयरपोर्ट निदेशक