देहरादून। राजधानी देहरादून में आवासीय परियोजनाओं के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण बड़ा कदम उठाने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत देहरादून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सोलर प्लांट लगाने की अनिवार्यता की जा रही है। इस नई सोच का मकसद एक तरफ पर्यावरणीय संरक्षण को बढ़ावा देना है। तो दूसरी ओर बढ़ते विद्युत दबाव को कम करना है। हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण सोलर प्लांट से जुड़ी नई स्कीम लाने जा रहा है। इसके तहत राजधानी में बनने वाली तमाम हाउसिंग प्रोजेक्ट में सोलर प्लांट लगाये जाएंगे। इस नई कोशिश की वजह राजधानी में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाना है। इसके अलावा लगातार बढ़ रहे विद्युत संकट की दिशा में भी कुछ हद तक इससे राहत पाने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए पहले हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डर्स से बातचीत भी की जा चुकी है।
इसके अलावा उरेडा और यूपीसीएल के अधिकारियों से भी इस पर बात की गई है। कोशिश की जा रही है कि सभी के सहयोग से इस योजना को शुरू किया जाए, ताकि हाउसिंग प्रोजेक्ट में सोलर प्लांट लगाकर पर्यावरण के संरक्षण को बल मिले। आवासीय परियोजनाओं में सोलर प्लांट के लिए कुछ नियम व शर्तें भी तय की जा रही हैं। इसके तहत फिलहाल ऐसी परियोजनाओं के लिए इसे अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है, जहां पर बिजली का लोड 30 किलोवाट से अधिक है। इसके लिए बिल्डर को सरकार की तरफ से भी मदद दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत प्लांट का 30 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। बिल्डर को लघु एवं मध्यम उद्योग की योजना के तहत 30 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी। इतना ही नहीं प्लांट पर सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण भी लिया जा सकेगा. हाउसिंग परियोजनाओं में 200 किलोवाट तक का प्लांट लगाया जा सकेगा। इसके लिए आवेदन करने पर ऋण की व्यवस्था भी की जाएगी।







