शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को ठीक रखने के लिए सक्रिय रहना सबसे जरूरी माना जाता है। सक्रिय रहने का मतलब आमतौर पर लोग जिम जाने, भारी मेहनत वाले व्यायाम करने से निकालते हैं। हालांकि इस भागदौड़ और व्यस्त दुनिया में सभी लोगों के लिए रोजाना जिम के लिए समय निकाल पाना कठिन हो सकता है। ऐसे लोग नियमित रूप से वॉक करने की आदत बनाकर भी विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।पहले के कई अध्ययनों में विशेषज्ञों की टीम बताती रही है कि रोजाना 10 हजार कदम चलने की आदत आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे से बचाने में मददगार हो सकती है।
इसी से संबंधित अब एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने डेली वॉक करने की आदत के और भी कई व्यापक लाभ के बारे में बताया है।द लैंसेंट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हालिया रिपोर्ट में टीम ने बताया कि अगर आप रोजाना 10 हजार कदम नहीं चल पाते हैं, रोजाना 7000 कदम भी चल लेते हैं तो इससे आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। शोध के अनुसार वॉक करने की ये आदत डिमेंशिया और अवसाद जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को कम करने में भी आपके लिए मददगार हो सकती है। ब्रेन के साथ हृदय स्वास्थ्य के लिए भी इसके लाभ देखे गए हैं।
10 हजार कदम नहीं चल पाते तो 7000 भी सही
ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के विशेषज्ञ सभी लोगों को हर दिन कम से कम 10 मिनट तेज गति से वॉक करने की सलाह देते हैं। अब शोधकर्ताओं ने गणना की है अगर आप सात हजार कदम भी चल लेते हैं तो ये अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त हो सकता है। इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों की टीम ने 1.60 लाख से अधिक वयस्कों के डेटा की जांच की और पाया कि प्रतिदिन 7,000 कदम चलने से शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई गंभीर स्थितियों और मृत्यु का खतरा कम हो सकता है।
हृदय रोग, कैंसर से लेकर डिमेंशिया और डिप्रेशन तक में मिलेगा लाभ
वॉक करने और इससे होने वाले फायदों को लेकर पिछले अध्ययनों में मुख्यरूप से इसके हृदय स्वास्थ्य, कैंसर से बचाव या समग्र मृत्यु दर कम होने के बीच संबंधों की जांच की जाती रही थी। इस शोध से पता चलता है कि वॉक करना हृदय रोग और कैंसर से तो आपको बचाता ही है साथ ही इससे डिमेंशिया और डिप्रेशन जैसे गंभीर मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है।शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन 2,000 कदम चलने वालों की तुलना में, 7,000 कदम चलने की आदत कैंसर से मृत्यु के जोखिमों को 37% तक कम कर सकती है। इतना ही नहीं इतना ही वॉक करना टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को 14%, डिमेंशिया के खतरे को 38%, डिप्रेशन को 22% और शारीरक असंतुलन या गिरने के जोखिमों को 28% तक कम कर सकती है।रोज 7000 कदम चलने का आदत से हृदय रोग के जोखिम में 25% की कमी आई और असमय मृत्यु का खतरा 47% तक कम हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप जितना भी चलते हैं, इसकी गुणवत्ता या तीव्रता से ज्यादा ये जरूरी है कि आप चल रहे हैं, यानी शारीरिक रूप से सक्रिय हैं। सिडनी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ पब्लिक हेल्थ मेलोडी डिंग कहती हैं, जो लोग पहले से ही 10,000 कदम चल चुके हैं, उन्हें 7,000 कदम नहीं चलना चाहिए, लेकिन जो लोग वर्तमान में निष्क्रिय हैं, उनके लिए 7,000 कदम चलना अधिक व्यावहारिक लक्ष्य है।यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में क्लिनिकल एक्सरसाइज फिजियोलॉजी के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. एंड्रयू स्कॉट ने बताया कि जो लोग वजन उठाने वाले व्यायाम के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं उनके लिए वॉक करना बहुत उपयोगी हो सकता है। हालांकि इसकी साइकिल चलाने, तैराकी और नौकायन जैसी गतिविधियों के साथ तुलना करना बाकी है।
शारीरिक गतिविधि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
अध्ययन के निष्कर्ष में विशेषज्ञों की टीम कहती है, वयस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट तक मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधि करने का लक्ष्य रखना चाहिए, लेकिन सक्रिय रहना हमेशा आसान नहीं होता।फोन कॉल करते समय टहलना या लंच ब्रेक के दौरान 10 मिनट की तेज वॉक जैसे गतिविधि भी आपके लिए कुछ हद तक मददगार हो सकती है। सोचिए ऐसे में अगर आप रोजाना 7000 कदम तक चल लेते हैं तो ये कितना फायदेमंद हो सकता है?