हल्द्वानी। मुखानी तल्ली बमोरी के तुषार लोहनी (27) के अपहरण और 11 मई को बांदा शहर में उसके मिलने के मामले में नया मोड़ आया है। अपहरण का आरोप फरीदाबाद के जिस युवक पर लगा था, उसने अब तुषार और उसके पिता गिरीश चंद्र पर फरीदाबाद में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है। आरोप 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का भी लगा है। उधर गिरीश चंद्र ने राज्य मानवाधिकार आयोग में न्याय के लिए शिकायती पत्र भेजा है।मानवाधिकार आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में गिरीश चंद्र लोहनी ने कहा कि छह मई को उनके पुत्र तुषार का अपहरण हुआ था। इसमें आलोक रंजन तिवारी एवं कपिल तिवारी आरोपी थे। उनका बेटा पुलिस को दस मई को यूपी के बांदा में मिला।
बेटे के साथ आलोक रंजन के पिता दयाशंकर तिवारी को पुलिस ने पकड़ा था। 19 मई को इसी मामले में हल्द्वानी पुलिस ने दो और आरोपी पकड़े, लेकिन मुख्य आरोपी आलोक रंजन एवं कपिल तिवारी नहीं पकड़े गए। 16 मई को अलोक रंजन ने 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत कर गिरीश चंद्र पर आरोप लगाया है। 23 मई को तुषार, गिरीश चंद्र लोहनी और आयत के खिलाफ फरीदाबाद में धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। गिरीश का कहना है कि मानवाधिकार आयोग यदि इसकी सही ढंग से जांच करे तो सत्य सामने आ जाएगा। उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है।