Thursday, November 6, 2025
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जानें उड़ानों की संख्या कितनी होगी एयर स्पेस बढ़ने पर देहरादून में उतारे जा सकेंगे अधिक विमान

एयरपोर्ट पर प्रति घंटा अधिक फ्लाइट या विमान उतारने के लिए एयर स्पेस बढ़ाने की जरूरत है। अधिक स्पेस मिलने पर एयरपोर्ट पर उड़ानों की संख्या प्रति घंटा सात से बढ़कर 12 की जा सकेगी। जिससे एयरपोर्ट के रनवे की क्षमता बढ़ेगी। सलाहकार समिति की बैठक में एयरपोर्ट निदेशक ने यह मामला उठाया था। अब समिति इस बिंदु को भारत सरकार के समक्ष रखेगी।वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट के पास पांच नॉटिकल मील लंबा (9.26 किमी) और 7500 फीट ऊंचा एयर स्पेस मौजूद है।

जिसके अंदर एयरपोर्ट का एटीसी सभी विमानों को दिशा निर्देश देता है। इस एयर स्पेस में प्रति घंटा सात फ्लाइटों या विमानों को ही कंट्रोल किया जा सकता है। इस एयर स्पेस को बढ़ाकर एयरपोर्ट पर प्रति घंटा 12 विमानों को उतारा जा सकता है। यह एयर स्पेस वायु सेना द्वारा एयरपोर्ट को दिया जाता है।नया टर्मिनल बनने से कुल जगह 42776 हजार वर्ग मीटर और क्षमता पचास लाख प्रतिवर्ष तक पहुंच गई है। लेकिन जब तक एयरपोर्ट को और अधिक एयर स्पेस नहीं मिलता, तब तक प्रति घंटे और अधिक विमानों को एयरपोर्ट पर नहीं उतारा जा सकता है। वर्तमान में सुबह साढ़े सात बजे से लेकर शाम करीब सवा सात बजे तक लगभग 18 से 20 फ्लाइट उतारी जा रही हैं। संवाद

क्या होता है एयर स्पेस
किसी भी एयरपोर्ट को वायु सेना द्वारा एयर स्पेस दिया गया होता है। इसी स्पेस के अंदर संबंधित एयरपोर्ट का एटीसी विमानों को कंट्रोल कर उनकी राह आसान बनाता है। छोटे एयर स्पेस में कम और अधिक एयर स्पेस में अधिक विमानों को कंट्रोल किया जा सकता है। कम एयर स्पेस होने से अधिक विमानों के आने पर उन्हें एयरपोर्ट से दूर आसमान में चक्कर काटने पड़ सकते हैं।

ये हैं तीन समस्याएं हैं प्रमुख
एयरपोर्ट पर वर्तमान में एयर स्पेस की कमी है। वहीं एयरपोर्ट को अपना रनवे विस्तार और दूसरे कार्यों के लिए 140.5 एकड़ जमीन चाहिए। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर ऑपरेशन के दौरान वन्य जीवों की मूवमेंट से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये तीनों समस्याएं एयरपोर्ट अधिकारियों ने सलाहकार समिति की बैठक में भी रखी थीं।वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट के पास पांच नॉटिकल मील लंबा (9.26 किमी) और 7500 फीट ऊंचा एयर स्पेस मौजूद है। अधिक एयर स्पेस मिलने पर प्रति घंटा और अधिक विमान उतारे जा सकेंगे। अधिक एयर स्पेस से विमानों को कंट्रोल करने में भी एटीसी को आसानी रहेगी। यह मामला सलाहकार समिति की बैठक में भी रखा गया था। – प्रभाकर मिश्रा, एयरपोर्ट निदेशक देहरादून

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