सरधना थाना क्षेत्र के गांव सलावा में मछली पकड़ने को लेकर दो समुदायों में हुए खूनी संघर्ष के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की। शुक्रवार को प्रशासनिक अमले ने आरोपियों द्वारा नाले पर किए गए अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कर कब्जा मुक्त कराया। बीते दिनों गांव सलावा में मछली पकड़ने को लेकर राजपूत और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच विवाद हुआ था। मामला बढ़ते-बढ़ते खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और कई आरोपियों को हिरासत में लिया था। मारपीट में नौ लोग घायल हो गए थे।
घटना के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। इसी कड़ी में मंगलवार को तहसील प्रशासन, पुलिस और नगर पंचायत की टीम भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंची और नाले पर बने आरोपियों के अवैध निर्माण को गिराकर कब्जा मुक्त कराया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। अवैध निर्माण पर आगे भी इसी तरह कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक कार्रवाई से गांव में हड़कंप मच गया और लोग दबी जुबान से चर्चा करते रहे।
इन आठ लोगों को भेजा जा चुका जेल
आरिफ, सत्तार, अबरार, नाजिम, फुरकान, उस्मान, सलमान और रिहान को जेल भेज दिया गया। डीएम डॉ. विजय कुमार सिंह का कहना है कि अशांति फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुस्लिम पक्ष बोला- पुलिस ने की एकतरफा कार्रवाई
सलावा गांव में संघर्ष के बाद मुस्लिम पक्ष ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला उस्मानी पुत्री अबरार ने थाने में तहरीर देकर बताया कि पुलिस ने न केवल उनके साथ मारपीट करने वालों को छोड़ा, बल्कि उल्टे उन्हीं के परिवार के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।
सलावा पहुंचे थे संगीत सोम, की थी कड़ी कार्रवाई की मांग
बुधवार शाम भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम सलावा गांव पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
पूर्व विधायक ने कहा कि गांव सलावा में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई। यह सब एक नियोजित साजिश लगती है।