देहरादून। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को दोपहर 1:30 बजे जिलाधिकारी कार्यालय स्थित ऋषिपर्णा सभागार में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित जिला स्तरीय समन्वय समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत “तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0” का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी यह अभियान दो माह तक चलेगा, जिसमें विभिन्न विभागों और स्टेकहोल्डर संस्थाओं के समन्वय से जिले को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में तय किया गया कि—
ब्लॉक स्तर पर तंबाकू के दुष्प्रभावों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जिले के 400 विद्यालयों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान घोषित किया जाएगा।
30 गांवों को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान को गति दी जाएगी।
साथ ही, जिले के सभी विभागाध्यक्षों के सहयोग से कोटपा अधिनियम 2003 का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों को उनके जिम्मेदारी भरे कार्य सौंपे।
श्रम विभाग को धारा 5 एवं 7 के अंतर्गत कार्रवाई में सहयोग देने, शिक्षा विभाग को स्कूलों को तंबाकू मुक्त घोषित करने, और पुलिस विभाग को कोटपा एक्ट उल्लंघन पर अर्थदंड की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
नगर निगम ऋषिकेश को तीर्थनगरी को धूम्रपान मुक्त घोषित करने में सहयोग देने को कहा गया, जबकि नगर निगम देहरादून व नगर पालिका मसूरी में भी तंबाकू विक्रेताओं के लाइसेंस की प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए गए।
छावनी परिषद, पंचायती राज, आबकारी, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा, आईसीडीएस, राज्य कर और औषधि नियंत्रण विभागों को भी अपने-अपने क्षेत्र में कोटपा अधिनियम के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करने के निर्देश मिले।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले के सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, आंगनवाड़ी केंद्र और सार्वजनिक पार्कों को तंबाकू मुक्त वातावरण के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस अवसर पर स्ट्रेटेजिक इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च (SIPHER) की ओर से अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एनएचएम डॉ. निधि रावत को तंबाकू मुक्त अभियान में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि “यह केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जन-आंदोलन है। युवाओं को नशे से दूर रखने और स्वस्थ समाज निर्माण के लिए प्रत्येक नागरिक की भूमिका अहम है।