बरेली जिले के थोक दवा विक्रेताओं ने आगरा की बंसल मेडिकल एजेंसी व हे मां मेडिकल्स से भारी मात्रा में नकली दवाएं खरीदीं। उनकी बिक्री भी कर दी। पुष्टि पर ड्रग इंस्पेक्टर ने सीजेएम कोर्ट में गुनिना फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ वाद दायर कराया है। साथ ही, शास्त्री मार्केट स्थित लखनऊ ड्रग एजेंसी, माधव मेडिकल एजेंसी का लाइसेंस 30 दिन और साहनी मेडिकल स्टोर का लाइसेंस सात दिनों के लिए निलंबित कर दवाओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। जिले की 19 अन्य फर्मों के विरुद्ध जांच जारी है।औषधि निरीक्षक अनामिका जैन के मुताबिक, गुनिना फार्मास्युटिकल्स ने आदेश की अवहेलना कर बंसल मेडिकल एजेंसी को दवाएं लौटा दी। प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि होने पर गुनिना फार्मास्युटिकल्स के विरुद्ध वाद दायर किया है। लखनऊ ड्रग एजेंसी के विरुद्ध जांच कर रहे औषधि निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि फर्म ने आगरा की बंसल मेडिकल एजेंसी से बड़ी मात्रा में नकली दवाएं लीं। रिटेलरों के नाम से फर्जी बिल काटे। प्राप्त बिल के आधार पर रिटेलरों से संपर्क किया तो उन्होंने लखनऊ ड्रग एजेंसी से दवाएं लेने से इन्कार किया। माधव मेडिकल एजेंसी ने भी एलेग्रा-120 समेत कई नकली दवाएं मार्केट में खपा दी। साहनी मेडिकल स्टोर पर भी नकली दवाएं मिली हैं। इन्होंने भी आगरा की मेडिकल एजेंसी और अन्य थोक कारोबारियों से नकली दवाएं उठाई थी।
अभी 33 सर्वे सैंपल और नौ नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार
सितंबर में शास्त्री मार्केट स्थित एजेंसियों से लिए गए 33 सैंपल को संबंधित कंपनियों को भेजकर दवा की गुणवत्ता आदि की रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा नौ सैंपल लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सहायक आयुक्त औषधि संदीप कुमार के मुताबिक, इन सैंपलों की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। हैप्पी मेडिकोज के यहां पूर्व में जब्त की गई 6.30 लाख रुपए की दवाओं के संबंध में अभी निर्णय होना बाकी है।औषधि निरीक्षक अनामिका जैन के मुताबिक, गुनिना फार्मास्युटिकल्स से एलेग्रा-120, कायमोरल फोर्ट समेत अन्य एंटीबायोटिक, एंटी डायबिटिक, एंटी एलर्जिक दवाएं बरामद हुई थीं। सिक्किम स्थित सनोफी कंपनी के नाम से एलेग्रा-120 दवा को भी थोक विक्रेताओं ने बेचा है। इसकी 2600 गोलियां कार्रवाई के दौरान बरामद हुई थीं। इनका बैच नंबर पांच-एनजी 001 है। मुंबई की कंपनी एबॉट की यूडीलिव टेबलेट मिली हैं। सिपला समेत अन्य कंपनियों की अटैरक्स, जैनुमेट, जालरा आदि भी मिली हैं। इनके संबंध में विस्तृत जांच चल रही है।
ब्रांडेड फर्म के सुरक्षा फीचर में सेंध
सहायक आयुक्त औषधि ने कहा कि यह तय है कि दवा माफिया ने ब्रांडेड कंपनियों के सुरक्षा फीचर में सेंधमारी की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नकली क्यूआर कोड बनाने की बात सामने आ रही है। विक्रेता ने एक ही बैच नंबर पर एंटी एलर्जिक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एंटीबायोटिक, खांसी समेत कई दवाएं बाजार में खपा दी। नकली दवा की बिक्री करने वाले थोक विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई जारी है।







